वाशिंगटन; अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीति का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। दुनियाभर के बाजारों में उथल-पुथल मच गई है। छोटे और बड़े निवेशकों में एक डर पैदा हो गया है कि अब आगे क्या होगा? वहीं शेयर बाजार में हाहाकार पर एक्सपर्ट ने मंदी की आशंका जता दी है। सोमवार को एशिया के बाजारों में भारी बिकवाली का दवाब देखने को मिला। इसके चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बाजार 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। देखते ही देखते 10 सेकंड में निवेशकों के 20 लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। एक्सपट्र्स ने निवेशकों को वैश्विक गतिविधियों पर नजर बनाए रखने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) सहित अन्य देश अमरीका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में क्या करते हैं? शेयर मार्केट क्रैश होने पर एक्सपर्ट शरद कोहली ने कहा कि ट्रंप ने दुनियाभर के शेयर मार्केट को हिलाकर रख दिया है। ज्यादा बड़ा खतरा अब रिसेशन (मंदी) का नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि क्रूड ऑयल की प्रॉइस चार साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। यह इस बात का संकेत है कि दुनियाभर में मंदी की आशंका पैदा हो गई है। लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।
कंपनियां और व्यापार बंद हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार ठप हो सकता है। सप्लाई-चेन गड़बड़ा सकती है। अर्थशास्त्री पंकज जयसवाल ने की मानें तो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार दुनिया रिसेट मोड पर है। भारत सहित विश्वभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट है। ट्रेड वार के कारण वैश्विक मंदी और महंगाई का खतरा बढ़ गया है। अमरीका पर सर्वाधिक असर पडऩे वाला है। मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह के मुताबिक, सोमवार को शेयर बाजार में जो चार प्रतिशत की गिरावट आई है, उसका मुख्य कारण अमरीका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में चीन द्वारा लगाए गए 34 प्रतिशत टैरिफ माने जा रहे हैं। सुनील शाह ने बताया कि टैरिफ से किसी देश को फायदा नहीं होने वाला।