जेनेवा; वैज्ञानिक एक ऐसे क्रांतिकारी आविष्कार के बहुत करीब हैं, जिसकी मदद से हर तरह के कैंसर का बैंड बज जाएगा। यह शरीर के हर कोने से कैंसर सेल्स को खत्म कर देगा। स्विटजरलैंड के जेनेवा में इसे लेकर काम चल रहा है और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही कैंसर रोगियों के लिए एक अल्ट्रा फास्ट रेडियोथेरेपी वाली मशीन उपलब्ध होगी, जिससे सेकंड से भी कम समय में शरीर के अंदर तक पनप रही कैंसर कोशिकाओं को मार दिया जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पारंपरिक रेडियोथेरेपी से बहुत तेज इलाज है और इसमें एक सेकंड से भी कम समय लगता है। इतना ही नहीं, इसमें साइड इफेक्ट भी बहुत मामूली है। स्विट्जरलैंड के जेनेवा के बाहरी इलाके में स्थित सर्न के इस विशाल लेबोरेटरी में वैज्ञानिक रेडियोथेरेपी मशीनों की नई पीढ़ी के विकास की ओर अग्रसर हैं।
उम्मीद है कि यह मशीन बेहद असाध्य ब्रेन ट्यूमर और शरीर में फैल चुके मेटास्टेसिस कैंसर के इलाज को भी संभव बना सकती है। वर्तमान में जब कैंसर कोशिकाएं अपनी जगह से आगे बढ़ जाती हैं, तो अंदर तक घुस जाती हैं और इन्हें मारने में रेडियोथेरेपी भी असफल हो जाती है। हालांकि रेडियोथेरेपी की इस नई मशीन से निकलीं रेडिएशन दूरस्थ बॉडी पार्ट में भी घुसे कैंसर कोशिकाओं को चकनाचूर कर देंगी। वैज्ञानिकों ने इस सिद्धांत या तकनीक का नाम फ्लैश दिया है। फ्लैश ने उन अवधारणाओं का भी समाधान किया है, जिसकी कमी रेडियोथेरेपी की दुनिया में लंबे समय से महसूस की जा रही है। यह कैंसर उपचार के सबसे सामान्य तरीकों में से एक है, जिसे सभी कैंसर मरीजों में से दो-तिहाई किसी न किसी बिंदु पर अपने इलाज के दौरान प्राप्त करेंगे।
चूहे में चंद पल के अंदर खत्म हुआ ट्यूमर
जेनेवा यूनिवर्सिटी अस्पताल में कार्यरत मैरी कैथरीन वोजेनिन के नेतृत्व में एक पेपर प्रकाशित हुआ है, जिसमें इस डिस्कवरी को रेडियोथेरेपी की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव कहा जा रहा है। इस प्रयोग में चूहों पर अल्ट्रा हाई डोज की दर से एक सेकंड से भी कम समय में रेडिएशन की चिंगारी छोड़ी गई। इसके बाद देखा गया कि इस चूहे में जो ट्यूमर था, वह नष्ट हो गया और उसकी जगह हेल्दी टिशू ने ले ली। इसका असर तत्काल हुआ। अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट इस रेडिएशन की इस उच्च दर को मील का पत्थर कह रहे हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग को आगे बढ़ाने का आह्वान किया गया है।