शिमला : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भांग की खेती को लेकर प्रदेश सरकार को चेताया है। उन्होंने कहा कि भांग की खेती का केवल औषधीय उपयोग होना चाहिए, तभी बात बन सकती है। यह बात उन्होंने शनिवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को कभी इस बात पर गर्व होता था कि उसके पास मलाणा है।
मलाणा की चमक विदेशों में भी थी, लेकिन यह चमक राज्य में ऐसी स्थिति पैदा कर रही है कि लोग अपने नौनिहालों को खो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग गाजे-बाजे के साथ अपने आने वाले नौनिहालों का स्वागत करते हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश में ऐसी स्थिति पैदा हो रही है कि लोग अपने बच्चों को खो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि भांग का उपयोग केवल औषधीय हो, तभी बात बन सकती है, लेकिन इस पर सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल को हर स्थिति में नशामुक्त करना है। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से हिमाचल में नशे के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से नशे के खिलाफ जो अभियान चलाया है, उसने रफ्तार पकड़ ली है। इस अभियान के प्रचार-प्रसार में मीडिया का भी अहम योगदान है। इसी का परिणाम है कि अब महिलाएं व युवा नशे के खिलाफ काम कर रहे हैं।
दवाओं के सैंपल फेल होने पर की कड़ी कार्रवाई की मांग
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में दवाओं के सैंपल फेल होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मधुमेह तक की दवाओं के सैंपल फेल होना चिंता की बात है। इस पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए तथा दोषी लोगों को दंडित करने का काम करना चाहिए।