शिमला; प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष डा. बनीता सकलानी की अध्यक्षता में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिला। इस दौरान सरकार द्वारा पारित किए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें विधेयक, 2024 पर दोबारा विचार करवाने के लिए आग्रह किया। विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद गवर्नर की मंजूरी के लिए राजभवन आ गया है। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के समक्ष प्रदेश के एक लाख तीस हजार कर्मचारी, जो इस बिल से प्रभावित हुए है, उनकी चिंताएं लिखित रूप में अभिवेदन के माध्यम से प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से कर्मचारी हितों की अनदेखी के चलते मजबूरन उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा है।
इस विधेयक के लागू होने से राज्य के लगभग एक लाख तीस हजार कर्मचारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ये वे कर्मचारी हैं, जिन्हें अनुबंध सेवाओं से नियमित किया गया है। वर्ष 2003 से प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मंडी और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में कालेज कैडर के कई शिक्षकों की भर्ती हुई है। जहां उन्हें संविदा सेवा का लाभ दिया गया है तथा उनकी संविदा सेवा की अवधि को स्क्रीनिंग स्कोर में अनुभव के रूप में माना गया है, ऐसे में उपरोक्त कर्मचारी अब अपने वर्तमान पदों के लिए पात्र नहीं होंगे और उनकी भर्ती पर सवाल उठेंगे।