शिमला; बिजली बोर्ड के स्टाफ में युक्तिकरण की तैयारियों से नाराज कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने युक्तिकरण को बिजली बोर्ड में पदों में कटौती की तैयारी करार दिया है। युक्तिकरण के नाम पर बिजली बोर्ड में कार्यान्वयन पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया का पुरजोर विरोध किया है। बिजली बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट ने बिजली बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता को भी पत्र लिखा है। ज्वाइंट फ्रंट के संयोजक ई. लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड में कार्यन्वित पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया को युद्धस्तर पर किया जा रहा है। इसके लिए रात को 10 बजे और अवकाश के दिन भी कार्यलय लगाए जा रहे हैं, यह हैरानी की बात है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंंधन वर्ग इतनी तत्परता बिजली के उत्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर दिखाता, तो बिजली बोर्ड की आज यह दयनीय स्थिति न होती, जबकि युक्तिकरण से कर्मचारियों के पदों को खत्म कर सरप्लस किया जा रहा है।
इससे एक ओर कर्मचारियों की सेवा शर्तें बुरी तरह से प्रभावित होंगी, वहीं विद्युत उपभोक्ताओं को दी जा रही सेवाओं में भी विपरीत असर पड़ेगा। बिजली बोर्ड पिछले दो दशकों से कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है और बिजली बोर्ड की संख्या मात्र 13 हजार 800 रह गई है ,जबकि 90 के दशक में बोर्ड में 43 हजार कर्मचारी थे। बिजली बोर्ड लाइन, सबस्टेशन और अन्य ढांचे में कई गुना वृद्धि हुई है। वहीं उपभोक्ताओं की संख्या छह लाख से 30 लाख हो गई है। बोर्ड प्रबंधन बिजली और प्रदेश सरकार बोर्ड में भर्ती की जगह कर्मचारियों की संख्या नीचे लाने में युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं। जिन 1030 टीमेट के पदों के लिए नई भर्तियों की प्रक्रिया चल रही थी। उसको प्रदेश सरकार ने रोक दिया गया है।