नई दिल्ली; भारत एवं कतर ने अपने द्विपक्षीय रिश्तों को ‘रणनीतिक साझीदारी’ के स्तर पर उन्नत करते हुए आपसी व्यापार को पांच साल में दोगुना करने, भारत में कतर निवेश केंद्र खोले जाने तथा भारत एवं कतर के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की मंगलवार को घोषणा की। भारत और कतर के बीच सालाना करीब 14 अरब डॉलर का व्यापार होता है। दोनों पक्ष अगले पांच वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य तय करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये निर्णय लिए गए। दोनों देशों ने वैश्विक एवं क्षेत्रीय भूराजनीतिक मामलों पर भी विचार विमर्श किया, जिनमें हमास एवं इ•ारायल के बीच संघर्ष तथा अफगानिस्तान के मुद्दे भी शामिल थे।
कतर के अमीर की राजकीय यात्रा के दौरान दो समझौतों और पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें एक- द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझीदारी के स्तर पर उन्नत करने तथा दूसरा- दोहरे कराधान से बचाव संबंधी करार शामिल हैं। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय में सचिव (कांउसलर, पासपोर्ट, वीसा एवं प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी में ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश तथा सुरक्षा के क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा दोनों देशों ने बुनियादी ढांचे, बंदरगाह, जहाज निर्माण, फूड पार्क, नवीकरणीय ऊर्जा, रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
दस साल बाद भारत दौरे पर कतर के अमीर
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने मार्च , 2015 में आखिरी बार भारत का दौरा किया था। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में अपना दूसरा कतर का दौरा किया, तो उन्होंने अमीर को भारत का राजकीय दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। कतर के अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारिक नेता शामिल हैं। आने वाले गणमान्य व्यक्तियों में कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री भी शामिल हैं।