उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम के पानी की स्थिति पर उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में UPPCB ने दावा किया है कि संगम का पानी नहाने के लिए उपयुक्त है। बोर्ड ने यह भी बताया कि अब गंगा और यमुना नदियों में कोई प्रदूषित सीवेज सीधे नहीं छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा, UPPCB ने यह भी बताया कि प्रयागराज के 6 पॉइंट्स पर नदी का पानी नहाने के लिए सुरक्षित है।
जानिए, कैसा है संगम का पानी?
UPPCB के अनुसार, शास्त्री ब्रिज के पास बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) और फिकल कैलिफॉर्म (FC) के आंकड़ों में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन यह इतनी अधिक नहीं है कि पानी को नहाने के लिए असुरक्षित बना दे। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, गंगा और यमुना में किसी भी प्रकार का ठोस कचरा न जाने पाए, इसके लिए नियमित निगरानी की जा रही है। UPPCB ने यह भी कहा कि प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का पानी 6 जगहों पर नहाने के लिए सुरक्षित है। इन नदियों के पानी के सैंपल्स में डिसॉल्व्ड ऑक्सीजन (DO), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD), और फेकल कोलीफॉर्म (FC) का स्तर स्वीकार्य मानकों के अंदर है।
महाकुंभ मेला 2025 की सफाई व्यवस्था
UPPCB ने यह भी बताया कि प्रयागराज नगर आयुक्त ने महाकुंभ मेला 2025 और प्रमुख स्नान तिथियों के दौरान नगर निगम क्षेत्र में कचरा उठाने के लिए 3 एजेंसियों को जिम्मेदारी दी है। इन एजेंसियों के द्वारा रोजाना डोर-टू-डोर कचरा उठाया जा रहा है। इसके अलावा, सड़क और नालों की सफाई के लिए करीब 8,000 सफाई मित्रों को तैनात किया गया है। ये सफाई मित्र हर रोज सड़कों और नालों की सफाई करते हैं। मेला क्षेत्र का कचरा बसवार स्थित MSW प्लांट में ले जाया जाता है, जहां वैज्ञानिक तरीके से ठोस कचरे का निपटान किया जाता है।
NGT को UPPCB की रिपोर्ट पर असंतोष
हालांकि, NGT ने UPPCB की रिपोर्ट पर असंतोष जताया है। NGT ने बोर्ड से कहा कि वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करें। UPPCB से कहा गया कि वह गंगा और यमुना में पानी की गुणवत्ता के बारे में एक नई रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर पेश करे। इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।