भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने के लिए खोले गए 50,577 जाली खातों को बंद कर दिया है। इस कदम से उन ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है, जिन्होंने गलत दस्तावेजों के आधार पर खाते खोले थे। डाक विभाग ने जाली खातों की पहचान कर कड़ी जांच के बाद यह कदम उठाया।
इन खातों में से अधिकांश खातों का संबंध बिहार राज्य के विभिन्न जिलों से है, जिनमें पटना, भागलपुर, दरभंगा और अन्य प्रमुख जिले शामिल हैं। इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि डाक विभाग अब खाता खोलने की प्रक्रिया में ज्यादा सतर्कता बरत रहा है और जाली खातों की पहचान करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
नए खाते खोलने का रिकॉर्ड
वहीं, डाक विभाग ने नए खाता खोलने के मामले में भी अच्छा प्रदर्शन किया। बिहार में इस साल कुल 17,27,756 नए खाते खोले गए, जबकि 13,96,970 पुराने खाते बंद किए गए। समस्तीपुर जिले में सबसे ज्यादा नए खाते खोले गए हैं।
खातों की संख्या और बंदी के आंकड़े
जाली खातों की संख्या:
पटना: 9,654
भागलपुर: 5,654
नालंदा: 2,342
औरंगाबाद: 3,432
दरभंगा: 3,345
मधुबनी: 2,238
पूर्णिया: 1,143
सीतामढ़ी: 954
रोहतास: 654
खाते खोलने की संख्या:
समस्तीपुर: 1,36,369
पटना साहिब: 89,990
पूर्वी चंपारण: 1,23,409
दरभंगा: 1,08,834
गया: 1,26,955
भोजपुर: 89,064
सीवान: 91,988
नालंदा: 89,315
वैशाली: 70,994
नवादा: 58,188
डाक विभाग के निर्देश
पटना सर्किल के डाक सेवाएं निदेशक पवन कुमार ने बताया कि इस वर्ष 13 लाख से ज्यादा खातों को बंद किया गया है, जबकि खाता खोलने के टारगेट को भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। उन्होंने डाकघरों से कहा है कि अब भविष्य में किसी भी खाता खोलने से पहले पूरी जांच-पड़ताल की जाए ताकि गलत दस्तावेज़ों के आधार पर कोई खाता न खुले।