दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष आतिशी ने प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक चिट्ठी लिखकर प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने की मांग की। आतिशी ने इस चिट्ठी में कहा कि जब तक स्कूलों के खातों का ऑडिट नहीं हो जाता, तब तक अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस नहीं ली जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि केवल उन स्कूलों को ही फीस बढ़ोतरी की अनुमति दी जाए जिनके खर्चों को सही ठहराया जा सके और वह भी 1-2 प्रतिशत तक।
आतिशी का सवाल – भाजपा सरकार किसके साथ है?
आतिशी ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, "दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि से अभिभावकों में हाहाकार मच चुका है। स्कूलों के बाहर माता-पिता विरोध कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार चुप्पी साधे हुए है। मैंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है और अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस पर क्या कदम उठाती हैं। यह साफ होगा कि भाजपा सरकार शिक्षा माफिया के साथ है या अभिभावकों के साथ।"
आतिशी की तीन प्रमुख मांगें
आतिशी ने इस मुद्दे पर तीन प्रमुख मांगें हैं...
बढ़ी हुई फीस पर तत्काल रोक लगाई जाए।
सभी प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट करवाया जाए।
1-2 प्रतिशत फीस बढ़ाने की अनुमति केवल उन स्कूलों को दी जाए जिनके खर्चे सही हैं।
छात्रों का विरोध - फीस बढ़ोतरी पर नाराजगी
इस बीच ओखला स्थित जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (डीएसईयू) के छात्रों ने भी फीस बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि प्रबंधन ने बिना किसी पूर्व सूचना के बीटेक और डिप्लोमा कोर्स की फीस में 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है। छात्रों ने इस पर संस्थान के निदेशक और शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। छात्रों की मांग है कि प्रोस्पेक्टस में जो फीस तय की गई है, उसी के आधार पर उनसे फीस ली जाए।
इसके बाद प्रबंधन ने 1,000 रुपये का शुल्क लेकर 11 अप्रैल तक फीस जमा करने का आदेश जारी कर दिया है। इस पर नाराज छात्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया। इस मामले ने दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ गहरी चिंता पैदा कर दी है और अब देखना होगा कि सरकार और शिक्षा विभाग इस पर कैसे कार्रवाई करते हैं।