पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उन उम्मीदवारों को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है, जिन्होंने स्कूली नौकरी गंवाई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ये उम्मीदवार बेरोजगार न रहें और उनकी सेवाओं में कोई रुकावट न हो।
'मैं आपका सम्मान वापस दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगी'
बता दें कि 3 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘त्रुटिपूर्ण और दागदार’ बताया था। इस मुद्दे पर प्रभावित उम्मीदवारों और स्कूल कर्मचारियों से बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, "मैं उन लोगों के साथ खड़ी रहूंगी, जिनके साथ अन्याय हुआ है। मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं कि दूसरों को क्या लगता है। मैं आपका सम्मान वापस दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगी।"
उन्होंने यह भी कहा, "हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं हैं, ताकि पात्र उम्मीदवारों की सेवा में कोई रुकावट न आए। हम उन्हें बेरोजगार नहीं रहने देंगे।" ममता ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार न्यायालय के फैसले का सम्मान करती है और प्रशासन अत्यंत सावधानी और निष्पक्षता के साथ इस स्थिति को संभालने के लिए काम कर रहा है।
'मैं जेल जाने के लिए भी तैयार हूं...'
ममता ने यह दावा भी किया कि उनका नाम ऐसी घटनाओं में घसीटा जा रहा है, जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस संदर्भ में स्कूली नौकरियों में हुई विसंगतियों का जिक्र किया। ममता ने कहा, "अगर कोई मुझे स्कूल की नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़ा होने के लिए सजा देना चाहता है, तो मैं जेल जाने के लिए भी तैयार हूं।" मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का भी जिक्र करते हुए कहा, "यह पूरी शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। कुछ लोग गंदा खेल खेल रहे हैं।"