बेंगलुरु:भारत ने 70 वर्षों में अपने सामाजिक, राजनीतिक और भाषाई मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के जरिये सुलझाया है. इसकी मुख्य वजह देश में स्थापित लोकतंत्र (Democracy) है. एक बड़ी वजह यह भी है कि लोगों को चुनाव परिणामों पर भरोसा रहा और इस कारण यह संभव भी हुआ. फिर भी चुनाव आयोग को हर चुनाव के बाद 'अग्निपरीक्षा' से गुजरना पड़ता है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने यह टिप्पणी शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में की कि क्या कर्नाटक (Karnataka Elections) के लोग राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग पर भरोसा कर सकते हैं.
चुनाव आयोग ने कराए 400 विस और 17 लोकसभा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में चुनाव संपन्न होने के साथ ही चुनाव आयोग ने 400वां राज्य विधानसभा चुनाव पूरा कर लिया है. 17 लोकसभा चुनाव और 16 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव हुए हैं. उन्होंने आगे कहा, 'चुनाव के बाद परिणाम स्वीकार किए जाते हैं और सत्ता का परिवर्तन हर बार मतपत्र द्वारा सुचारू रूप से किया जाता है. हाल ही में कई विकसित देशों में भी जो कुछ हो रहा है, यह उसकी तुलना में बड़ी बात है.'
कर्नाटक में चुनाव तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे सीईसी
उन्होंने कहा पिछले 70 वर्षों में भारत ने अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, भौगोलिक, आर्थिक, भाषाई मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से और संवाद के माध्यम से मुख्य रूप से स्थापित लोकतंत्र के कारण सुलझाया है जो केवल इसलिए संभव है क्योंकि लोग चुनाव परिणामों पर भरोसा करते हैं. फिर भी केंद्राय निर्वाचन आयोग को प्रत्येक चुनाव के बाद हर बार'अग्निपरीक्षा' देनी पड़ती है. एक अन्य सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि मनगढ़ंत किस्से और प्रलोभन एक बड़ी चुनौती है. चुनावी तैयारियों का आकलन करने के लिए चुनाव आयुक्त कर्नाटक में थे. राज्य विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है और इससे पहले चुनाव कराकर नई विधानसभा का गठन किया जाना है.