खरड़ (भास्कर न्यूजलाइन ) हम सब खरड़ निवासी मिल बैठकर कुछ विचार विमर्श करें वैसे तो खरड़ में सदा ही भीड़भाड़ रहती है पर त्योहारों के चलते भीड़भाड़ कुछ और बढ़ जाती हैं बाज़ार से ख़रीदारी तो सभी ने करनी है भागमभाग एक दूसरे से आगे निकलने की जल्दी हॉर्न पर हॉर्न इस तरह आगे तो नहीं निकला जा सकता अगली गाड़ी चलेगी रास्ता बनेगा तब हम भी चल पड़ेंगे रास्ते सड़कें बहुत चौड़ी हैं फिर भी उनकी एक सीमा है
शांत रहें अशांत होकर औरों के लिए भी व्यवधान पैदा ना करें सारी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए यातायात पुलिस दिल से अपना कार्य कर रही है नगर में हर तरह की क़ानून व्यवस्था को सही करने क लिए भी स्थानीय पुलिस कम संख्या होने के बाद जी जान लगा कर दिन रात मेहनत करके अपना कार्य कर रही है
अधिकारी आते हैं कुछ समय रहते हैं बदल कर चले जाते हैं हमें यहीं रहना है हमारा अपना नगर है हमारा यहीं घर है एक बात याद रखें ड्यूटी कर रहे अधिकारियों की हमारे मन में एक छवि होती है के अधिकारी बहुत अच्छा,अच्छा या ठीक ठीक कार्य कर रहा है इसी तरह हर अधिकारी के मन में भी स्थानीय निवासियों के व्यवहार की एक छवि होती है
हर अधिकारी के मन में खरड़ नगरवासियों की छवि एक उत्तम व्यवहारिक ओर सहयोगी वाली होनी चाहिए जो है हमें उसी में से कुछ अच्छा तलाश करना है फिर देर किस बात की आओ कुछ अच्छा तलाश करने की पहल करें मेरा यह मानना है की इस इस तरह के आपसी तालमेल और सहयोग से नगर की हर तरह की व्यवस्था बहुत ही उत्तम होगी