शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए टिकट फाइनल करने से पहले कांग्रेस ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। शनिवार को दिल्ली में हुई हिमाचल कांग्रेस की को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चा में मंडी संसदीय सीट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की जगह वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह का नाम आगे कर दिया गया है। विक्रमादित्य सिंह वर्तमान कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री हैं और पिछले लोकसभा उपचुनाव में माता प्रतिभा सिंह का चुनाव संभाल चुके हैं। को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की उपस्थिति में हुई। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कौल सिंह ठाकुर व रामलाल ठाकुर आदि शामिल हुए, जबकि विक्रमादित्य सिंह को भी विशेष तौर पर बुलाया गया था। कांग्रेस प्रभारी ने इसी बैठक में कहा कि पार्टी के सर्वे में विक्रमादित्य सिंह का नाम पहले नंबर पर है, इसलिए इन्हें ही चुनाव में उतरना चाहिए।
सूत्र कहते हैं कि उनकी कंसेंट भी पहले ले ली गई थी। इस तरह से मंडी सीट पर उनका एक तरह से अकेला नाम हो गया है। को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भगत चरण दास के साथ भी प्रभारी राजीव शुक्ला और अन्य नेताओं की चर्चा हुई है। अब दिल्ली में सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक दस अप्रैल को प्रस्तावित की गई है। इसलिए हिमाचल की संसदीय सीटों को लेकर प्रत्याशियों की पहली लिस्ट 10 या 11 अप्रैल को जारी हो सकती है। संभावना है कि शिमला को छोडक़र बाकी तीन सीटों के प्रत्याशी घोषित हो जाएंगे, जबकि विधानसभा के प्रत्याशियों के लिए पार्टी थोड़ा वक्त लेगी। मंडी सीट पर भाजपा द्वारा अभिनेत्री कंगना रणौत को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी युवा वोटर पर फोकस करना चाहती है। यह भी एक वजह है कि विक्रमादित्य सिंह को प्रतिभा सिंह की बजाय मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है।
हमीरपुर से रायजादा, कांगड़ा से आशा
हमीरपुर सीट पर कांग्रेस ने ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को प्रत्याशी लगभग फाइनल कर दिया है। इनका नाम भी स्क्रीनिंग कमेटी से निकल गया है। कांगड़ा सीट पर पूर्व मंत्री आशा कुमारी का नाम सबसे आगे है। हालांकि यहां कुछ और दावेदार भी कांग्रेस के पास हैं। को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में इस बात पर भी सहमति बन गई थी कि लोकसभा का चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर सिटिंग एमएलए को भी लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संख्या बल के हिसाब से सरकार को कोई खतरा नहीं है, इसलिए विधायक चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा है कि दो विधायक उम्मीदवार हो सकते हैं।
सीएम-शुक्ला से मिले वीरेंद्र कश्यप
शिमला संसदीय सीट को लेकर कांग्रेस में आखिरी वक्त में पेंच फंस गया है। इसकी एक वजह भाजपा के पूर्व सांसद रहे वीरेंद्र कश्यप की कांग्रेस में एंट्री को लेकर भी है। वीरेंद्र कश्यप दिल्ली में डटे हैं और कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला समेत कई कांग्रेस नेताओं से शनिवार को मुलाकात कर चुके हैं। शिमला सीट से दो कैबिनेट मंत्री भी उनका स्पोर्ट कर रहे हैं। उनके अलावा इस सीट पर दावेदारों में विधायक विनोद सुल्तानपुरीए विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमारए अमित नंदाए दयाल प्यारी और डॉ अश्वनी कुमार के नाम लिए जा रहे थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी पहले वीरेंद्र कश्यप की एंट्री को लेकर फैसला लेना चाहती है।