केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए एक बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। शाह ने हाल ही में राज्यसभा में एक बयान में डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान और उनकी महत्वता पर टिप्पणी की थी, जिससे विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बयान को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और सांसद मनोज कुमार झा ने अपना तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की। झा ने कहा कि बीजेपी इस मामले को छुपाने की कोशिश कर सकती है, लेकिन वह सच को दबा नहीं सकती।
मनोज कुमार झा का बयान
पटना में मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मनोज कुमार झा ने कहा, “वो (अमित शाह) क्या कहते हैं, वह कोई बात नहीं कर रहे। उन्होंने अंबेडकर का नाम लिया, लेकिन उसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो भगवान का नाम इस तरह से लेते हैं, उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। मैंने पहले ही कहा था कि इसी धरती पर स्वर्ग बनेगा, और वह स्वर्ग बनेगा डॉ. अंबेडकर की सोच के अनुसार। जिनको स्वर्ग और नरक जाना है, वे अपनी सीट बुक कर लें।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि मनोज कुमार झा ने अमित शाह के बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और इसे बीजेपी की चालाकी और धार्मिक विचारधाराओं के साथ खेलने की कोशिश माना। उनका यह बयान बीजेपी के खिलाफ एक सख्त और चुनौतीपूर्ण टिप्पणी थी, जो अब बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला रहा है।
तेजस्वी यादव ने भी किया बीजेपी पर हमला
तेजस्वी यादव, जो कि आरजेडी के प्रमुख नेता हैं, ने भी इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और RSS ने हमेशा से डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेताओं का अपमान किया है। यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी न केवल इन महान नेताओं का अपमान करती है, बल्कि उनका योगदान नकारती भी है। उन्होंने कहा, "बीजेपी संविधान का पालन नहीं करती है, और उनका इतिहास इसे प्रमाणित करता है। वह हमेशा उन नेताओं के योगदान को नकारते हुए देश में सिर्फ अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करती है।" तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि जब भी बीजेपी को लगता है कि उनके खिलाफ कोई मजबूत बयानबाजी हो रही है, तो वह इसे दवाने के लिए नए-नए तरीके अपनाती है। अब देश जानता है कि अमित शाह ने राज्यसभा में जो कहा था, उस पर विपक्षी दलों ने क्यों आक्रोश व्यक्त किया। उनका यह बयान सीधे तौर पर बीजेपी की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ था।
अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर एनडीए का पलटवार
जब विपक्ष ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की, तो सत्तारूढ़ एनडीए ने भी प्रतिक्रिया दी। बिहार बीजेपी के मंत्री मंगल पांडे ने इस मुद्दे पर विपक्ष को निशाना बनाया। पांडे ने कहा, "कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का अंबेडकर को लेकर रवैया हमेशा से नकारात्मक रहा है। कांग्रेस ने वर्षों तक अंबेडकर का अपमान किया है, और अब बीजेपी और एनडीए के नेतृत्व में उन्हें सम्मान मिला है। बीजेपी ने ही डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया।" पांडे ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने जब अंबेडकर के योगदान को नकारा, तो अब वह बीजेपी पर आरोप लगा रही है। उनका कहना था कि जनता अब विपक्ष की बातों में नहीं आने वाली, क्योंकि उन्होंने अंबेडकर के सम्मान के लिए बीजेपी की भूमिका को कभी स्वीकार नहीं किया। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जो मुद्दा उठाने का तरीका है, वह मात्र जनता को भ्रमित करने के लिए है। कुशवाहा ने कहा, "कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। जनता अब इन पुरानी चालों में नहीं फंसेगी। चाहे विपक्ष कितना भी विरोध प्रदर्शन कर ले, लोग अब समझ चुके हैं कि कौन सही है।"
अमित शाह का विवादास्पद बयान: क्या था विवाद?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान राज्यसभा में हुआ था, जब उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान और उनके विचारों की सराहना की। शाह ने कहा था कि अंबेडकर ने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति भगवान का नाम इस तरह से और भक्ति भाव से लेता है, तो उसे सात जन्मों तक स्वर्ग मिलेगा। उनके इस बयान को विपक्ष ने सीधे तौर पर डॉ. अंबेडकर के विचारों का अपमान मानते हुए विरोध किया है। विपक्ष का आरोप है कि शाह ने धार्मिक और राजनीतिक बयानबाजी के माध्यम से अंबेडकर की विरासत का उपहास उड़ाया।
विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच राजनीतिक तनाव
यह विवाद बिहार में राजनीतिक तनाव का कारण बन गया है। जहां आरजेडी और अन्य विपक्षी दलों ने बीजेपी और अमित शाह पर हमला बोला है, वहीं बीजेपी और एनडीए के नेता इसे विपक्ष का बेबुनियाद आरोप मानते हैं। बीजेपी का कहना है कि डॉ. अंबेडकर का सम्मान केवल उनकी पार्टी ने किया है और उनकी सोच को प्रोत्साहित किया है। इस विवाद ने भारतीय राजनीति में और खासकर बिहार की राजनीति में एक नई दिशा दी है। जबकि एक तरफ विपक्ष बीजेपी को धर्म और राजनीति के मामले में घेर रहा है, वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ पार्टी अपने बयान को सही ठहराने की कोशिश कर रही है। यह मुद्दा अब केवल अंबेडकर के सम्मान तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय समाज में विचारधारा और राजनीति के बड़े सवाल खड़े कर रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर जो विवाद उठ खड़ा हुआ है, उसने आरजेडी और बीजेपी के बीच की राजनीतिक खाई को और गहरा किया है। मनोज कुमार झा, तेजस्वी यादव, और अन्य विपक्षी नेता इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जबकि बीजेपी इसे विपक्ष का दुष्प्रचार मान रही है। यह विवाद डॉ. अंबेडकर की विरासत और उनकी विचारधारा पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण मोड़ बन चुका है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और भी अधिक राजनीतिक चर्चाएं होने की संभावना है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर जो विवाद उठ खड़ा हुआ है, उसने आरजेडी और बीजेपी के बीच की राजनीतिक खाई को और गहरा किया है। मनोज कुमार झा, तेजस्वी यादव, और अन्य विपक्षी नेता इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जबकि बीजेपी इसे विपक्ष का दुष्प्रचार मान रही है। यह विवाद डॉ. अंबेडकर की विरासत और उनकी विचारधारा पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण मोड़ बन चुका है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और भी अधिक राजनीतिक चर्चाएं होने की संभावना है।