बठिंडा: जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण बठिंडा के आदेशानुसार, राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण और सदस्य सचिव पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और सुमित मल्होत्रा जिला एवं सत्र न्यायाधीश के साथ-साथ अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के कुशल मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस जिला स्तर पर स्थानीय शहीद मेजर रवि इंदर सिंह संधू सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर सीजेएम संयुक्त सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुरेश कुमार गोयल ने कहा कि संविधान के 42वें संशोधन 1976 के अनुच्छेद 39ए के तहत नि:शुल्क कानूनी सहायता को राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में शामिल किया गया है। इन्हें व्यावहारिक बनाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया गया, जो 9 नवंबर 1995 को पूरे देश में लागू हुआ। इसके तहत राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण अस्तित्व में आया और राज्य स्तर पर कानूनी सेवा प्राधिकरण स्थापित किए गए और निचले स्तर पर जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और तालुका कानूनी सेवा समितियां बनाई गईं। उन्होंने कहा कि उनकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य इस अधिनियम की धारा 12 के तहत आर्थिक संसाधनों की कमी की स्थिति में समाज के पिछड़े या गरीब वर्गों को कानूनी सहायता के लिए मुफ्त कानूनी सेवाएं यानी वकील प्रदान करना है। इस धारा के अंतर्गत अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति, महिला, बच्चा, तथा तीन लाख तक की आय सीमा वाला सामान्य वर्ग का कोई भी अभिरक्षााधीन व्यक्ति आवेदन कर निःशुल्क अधिवक्ता की सुविधा प्राप्त कर सकता है। इस योजना के अलावा नालसा द्वारा पूरे देश में महिलाओं से संबंधित अपराधों के लिए एक समान योजना 2018 लागू की है, इस योजना का उद्देश्य बलात्कार पीड़िता, एसिड अटैक पीड़िता, शारीरिक हिंसा से पीड़ित, किसी भी प्रकार की हिंसा से विकलांग महिलाओं के लिए है। कोई भी शारीरिक घटना क्योंकि मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं के पुनर्वास की यह योजना घावों पर मरहम साबित हो रही है। इसके अलावा एएसआई ट्रैफिक पुलिस हाकम सिंह द्वारा विद्यार्थियों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर राकेश कुमार नरूला, सामाजिक कार्यकर्ता, सुरेश कुमार गोड़, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बलकरण सिंह आदि उपस्थित थे।