अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन रविवार को 80 वर्ष के हो गए। उनके आलोचक और डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेता सवाल उठाते हैं कि क्या वे दूसरे कार्यकाल के लिए फिट रहेंगे। अगर बाइडेन 2024 में चुनाव जीत जाते हैं तो दूसरे कार्यकाल के अंत में 86 साल के हो जाएंगे।
विशेषज्ञ कहते हैं कि 80 वर्ष के बाद भी लोग यदि एक्टिव रहते हैं, उनके जीवन का कोई उद्देश्य होता है तो वे स्वस्थ बने रह सकते हैं। वे अपना काम अच्छे तरीके से कर सकते हैं। बुद्धिमानी, विवेक और अनुभव उनकी महत्वपूर्ण खासियत है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य से जुड़े दस विशेषज्ञों से जानना चाहा कि राष्ट्रपति की आयु के व्यक्ति की अगले छह सालों में क्या स्थिति रहेगी। इन विशेषज्ञों ने बाइडेन का इलाज नहीं किया है। हालांकि, 79 वें जन्मदिन पर जारी उनकी मेडिकल रिपोर्ट और सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी से अपने निष्कर्ष निकाले हैं। विशेषज्ञ सहमत हैं कि बाइडेन के पक्ष में कई कारण हैं। वे बहुत अधिक शिक्षित हैं। सामाजिक संपर्क ज्यादा है। उनके जॉब में बहुत सोच-विचार की जरूरत पड़ती है। अध्ययनों के अनुसार ये सभी कारण बुढ़ापे में दिमागी कमजोरी, मतिभ्रम से सुरक्षित रखते हैं। स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसके अलावा बाइडेन शादीशुदा हैं और मजबूत पारिवारिक रिश्ते से बंधे हैं। वे स्मोकिंग नहीं करते, शराब नहीं पीते हैं। सप्ताह में पांच दिन एक्सरसाइज करते हैं। बाइडेन की नस्ल भी एक कारण है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बुजुर्गियत और स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर डॉ. जॉन रो के अनुसार 80 साल के औसत श्वेत व्यक्ति आठ साल और जीवित रह सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है, सक्रिय लोगों का दिमाग अच्छे से काम करना सीखता है। यहां तक कि मस्तिष्क की कुछ गतिविधियां सुधर जाती हैं।
नई कोशिकाएं बनती हैं
मनोविज्ञानी डॉ. दिलीप जेस्टे का कहना है, यह विचार सच नहीं है कि बुढ़ापे का संबंध केवल गिरावट से है। दुनियाभर में हुए अध्ययन बताते हैं कि शारीरिक, सामाजिक, दिमागी और संज्ञान की दृष्टि से एक्टिव लोगों के मस्तिष्क में खास नेटवर्क मजबूत होते हैं। आयु बढ़ने के साथ दिमाग के कुछ हिस्सों में नए न्यूरॉन बनते हैं।