वाशिंगटन : अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के खिलाफ शनिवार को सभी 50 राज्यों में प्रदर्शन हुए। इन विरोध प्रदर्शनों में लाखों लोग शामिल हुए। रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में 1400 से ज्यादा रैलियां की गई हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए छह लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में कटौती, अर्थव्यवस्था, और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर सरकार के फैसलों का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को हैंड्स ऑफ नाम दिया गया है। हैंड्स ऑफ का मतलब है- ‘हमारे अधिकारों से दूर रहो।’
इस नारे का मकसद यह जताना है कि प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि उनके अधिकारों पर किसी का नियंत्रण हो। इस विरोध प्रदर्शन में 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया। इसमें सिविल राइट ऑर्गेनाइजेशन, मजदूर संघ, एलजीबीटीक्यू प्लस वॉलंटियर्स, पूर्व सैनिक और चुनावी कार्यकर्ता शामिल थे।
अमरीका में प्रोडक्शन बढ़ाने को टैक्स लगाया
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को दूसरे देशों पर लगाया जाने वाला रेसिप्रोकल टैक्स का ऐलान किया था। इसमें भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत बहुत सख्त है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। भारत के अलावा चीन पर 34 फीसदी, यूरोपीय यूनियन पर 20 फीसदी, साउथ कोरिया पर 25 फीसदी, जापान पर 24 फीसदी, वियतनाम पर 46 फीसदी और ताइवान पर 32 फीसदी टैरिफ लगेगा। अमरीका ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा टैरिफ लगाने का फैसला किया।
टैक्सपेयर्स का पैसा बचाने को सरकारी नौकरियों में कटौती
एलन मस्क अमरीका की ट्रंप सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के प्रमुख हैं। उनका दावा है कि सरकारी तंत्र को छोटा करने से टैक्सपेयर्स के अरबों डॉलर बचेंगे। वहीं व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर योजनाओं के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, लेकिन डेमोके्रट्स इन योजनाओं का लाभ अवैध अप्रवासियों को दिलाना चाहते हैं।