रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक गंभीर मोड़ आ गया है, जहां यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया के सैनिकों ने पहली बार रूसी सेना की ओर से लड़ाई में भाग लिया है। कीव में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि 4 नवंबर को उत्तर कोरियाई सैनिकों के एक छोटे समूह पर हमला किया गया था। यूक्रेनी रक्षा मंत्री ने दक्षिण कोरियाई ब्रॉडकास्टर KBS को एक इंटरव्यू में कहा कि यह घटना रूस के कुर्क्स क्षेत्र में हुई, जहां यूक्रेन के सैनिकों ने हाल के महीनों में नियंत्रण स्थापित किया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 11,000 उत्तर कोरियाई सैनिक कुर्क्स सीमा क्षेत्र में मौजूद हैं, जोकि रूस की सपोर्ट के लिए तैनात किए गए हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने इस संबंध में कहा कि "उत्तर कोरिया के साथ पहली लड़ाई दुनिया में अस्थिरता का नया अध्याय खोलती है।" उन्होंने पश्चिम के देशों की उत्तर कोरिया के प्रति कम प्रतिक्रिया की भी निंदा की है। दक्षिण कोरिया ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि उन्हें यकीन नहीं है कि दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने युद्ध में शामिल थीं। लेकिन एक घटना के अनुसार, जहां फ्रंटलाइन के पास उत्तर कोरियाई सैनिकों की एक छोटी संख्या देखी गई है, यह स्थिति बदलने का संकेत दे सकती है।
यूक्रेन के टॉप काउंटर-दुष्प्रचार अधिकारी एंड्री कोवलेंको ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि उत्तर कोरिया की पहली सैन्य इकाइयां कुर्स्क में हमले का शिकार हुईं। रुस्तम उमेरोव ने कहा कि भविष्य में उत्तर कोरियाई सैनिकों की एक महत्वपूर्ण संख्या युद्ध में शामिल होने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में अधिकांश सैनिक प्रशिक्षण कर रहे हैं और केवल एक छोटी संख्या ही युद्ध में संलग्न है। ये सैनिक रूसी वर्दी पहने हुए हैं और विभिन्न रूसी सैन्य कमांड में तैनात हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो यह युद्ध का दायरा बढ़ा सकती है और संभावित रूप से एक तीसरे विश्व युद्ध की ओर लेकर जा सकती है। दक्षिण कोरिया, अमेरिका और नाटो के खुफिया विभाग ने इस स्थिति को बहुत ध्यान से देखा है और उनकी रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि उन्होंने उत्तर कोरियाई सैनिकों के रूस के युद्ध में शामिल होने के प्रमाण देखे हैं। हालांकि, रूस और उत्तर कोरिया ने अब तक इन सभी आरोपों पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है। यह घटनाक्रम युद्ध की दिशा में एक नया मोड़ ला सकता है, जिसकी गंभीरता को समझना आवश्यक है।