शिमला : हिमाचल को केंद्र से मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश को अभी तक यह ग्रांट नहीं मिली है, जबकि पूर्व में केंद्र से अगस्त महीने में यह ग्रांट प्रदेश को जारी हो जाती थी, लेकिन इस बार अभी तक राज्य को यह ग्रांट जारी नहीं हुई है।
बता दें कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के सरकारी स्कूलों की जरूरत व मैंटीनैंस के लिए बजट जारी करती है। पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्र से 90 फीसदी ग्रांट मिलती है और 10 फीसदी इसमें राज्य सरकार का शेयर रहता है, लेकिन इस बार हिमाचल के सरकारी स्कूलों को यह ग्रांट न मिलने से खासी दिक्कतें आ रही हैं। स्कूल प्रबंधन ने मामले को लेकर समग्र शिक्षा व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवाया है।
सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष भी प्रदेश को 50 प्रतिशत कंपोजिट ग्रांट ही मिली थी और इस बार अभी तक यह ग्रांट नहीं मिली है। इसमें प्राथमिक, मिडल, उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के लिए अलग-अलग बजट दिया जाता है। उधर, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व प्रान्त महामंत्री डाॅ. मामराज पुंडीर ने सरकार से जल्द ग्रांट जारी करने की मांग की हैं। डाॅ. पुंडीर ने कहा कि नवम्बर महीना शुरू हो गया है, ऐसे में स्कूलों को नियमित खर्चे के लिए यह ग्रांट जारी की जाए।
केंद्र को नहीं भेजा गया बजट का उपयोग प्रमाण पत्र
विभाग की मानें तो केंद्र को पिछले वर्ष में जारी बजट का उपयोग प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया है। यही कारण है कि अभी तक केंद्र से उक्त ग्रांट नही भेजी गई है। उधर, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डाॅ. अमरजीत कुमार शर्मा का कहना है कि स्कूलों को जरूरत के आधार पर बजट दिया जा रहा है। अगर किसी स्कूल में बजट की कमी है तो वह डिमांड भेजे, स्कूलों के विकास व रूटीन कार्यों को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।