हमीरपुर: दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले रोट के सैंपल रिपोर्ट फेल होने के बाद लाखों भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर न्यास कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। मंगलवार को डीसी हमीरपुर व मंदिर न्यास टैंपल के आयुक्त अमरजीत सिंह ने फूड एंड सेफ्टी विभाग के साथ इस मुद्दे को लेकर एक जरूरी मीटिंग कर खास निर्देश जारी किए। बैठक में जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अरविंद शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार, जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी मधुबाला, अन्य विभागों के अधिकारी, व्यापार मंडल के पदाधिकारी और अन्य कारोबारी भी उपस्थित थे। वहीं, दूसरी ओर जानकारी यह भी है कि दियोटसिद्ध की जिस कैंटीन में रोट का सैंपल फेल हुआ है उसे बंद करने की तैयारी है। क्योंकि इस कैंटीन में बनाए गए रोट में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। आने वाले समय में कैंटीन को आउटसोर्स पर दिया जा सकता है।
इसके साथ ही जितने भी दुकानदार दियोटसिद्ध में रोट बनाते हैं उनको ‘भोग’ परियोजना के दायरे में लाए जाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट को कहा गया है कि वे समय-समय पर जिला के सभी होटल, रेस्तरां, ढाबों, मिठाई की दुकानों, खाद्य सामग्री की अन्य सभी दुकानों, विभिन्न संस्थानों के होस्टलों एवं कैंटीन और मिड-डे मील इत्यादि की जांच करे। डीसी अमरजीत सिंह ने कहा कि अगर किसी खाद्य सामग्री की दुकान में गड़बड़ी पाई जाती है या वहां कोई सैंपल फेल होता है, तो उसका लाइसेंस तुरंत निलंबित करें तथा अन्य कानूनी कार्रवाई करें। इस बारे में जब बीबीएन मंदिर न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष व एसडीएम बड़सर राजेंद्र गौतम से संपर्क किया गया तो मंदिर की बेहतरी और लाखों भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट बड़ा कदम उठाने जा रहा है। -एचडीएम
रोट के बासी होने की बात आई सामने
खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की ओर से डीसी हमीरपुर व बीबीएन मंदिर ट्रस्ट आयुक्त को जो जानकारी दी गई है उसमें रोट के बासी होने की बात भी सामने आई है। बताते हैं जिन रोट के सैंपल लिए गए थे उनमें नमी पाई गई थी। यानी रोट बासी था और उसे श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में बांटा जा रहा था।
संचालकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
डीसी हमीरपुर ने कहा कि जिला के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बालक नाथ मंदिर में ‘भोग’ परियोजना को पूरी तरह लागू करने के लिए भी सभी अधिकारी त्वरित कदम उठाएं। उपायुक्त ने बताया कि ‘भोग’ परियोजना का मु य उद्देश्य पूजा स्थलों को भोजन तैयार करने, परोसने और बेचने में खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना तथा भोजन संचालकों को बुनियादी खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के लिए प्रशिक्षण देना है। इसी के तहत दियोटसिद्ध में भी कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कार्ड दिए जाएंगे और सर्टिफिकेशन की जाएगी।
असीस्टेंट कमीश्नर ने नेश किया ब्यौरा
खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त कमिश्नर अनिल शर्मा ने बताया कि जिला में फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा खाद्य सामग्री विक्रेताओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस सुविधा प्रदान की जा रही है। विभाग ने 1455 रजिस्ट्रेशन की हैं और इनमें से 1333 लोगों को लाइसेंस दिए जा चुके हैं। जिला हमीरपुर में इस वर्ष 969 रजिस्ट्रेशन हुई हैं, जबकि 220 लाइसेंस इश्यू किए गए हैं। कारोबारियों और आम लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए 20 जागरूकता शिविर भी लगाए गए हैं। अनिल शर्मा ने बताया कि इस वर्ष खाद्य सुरक्षा के 25 मामलों में से 23 का निपटारा किया जा चुका है और इन मामलों में दुकानदारों को 1.30 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है।