असम के दीमा हसाओ जिले में बाढ़ग्रस्त कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव अभियान जोरों पर है। जानकारी के अनुसार, इस हादसे में तीन लोगों के मारे जाने की आशंका है। जिला प्रशासन ने बताया कि उनके शव खदान के अंदर देखे जा सकते हैं, लेकिन अभी तक उन्हें निकाला नहीं गया है।
फंसे मजदूरों की स्थिति गंभीर
6 जनवरी से फंसे हुए नौ मजदूरों में से सात असम से हैं, जबकि एक-एक मजदूर नेपाल और पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। हादसे के बाद से मजदूरों के परिवारों में चिंता का माहौल है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खदान में अचानक आई बाढ़ की वजह से मजदूर बाहर नहीं निकल सके। पानी का स्तर तेजी से बढ़ने के कारण उनकी जान पर खतरा मंडराने लगा। इस आपात स्थिति में जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया।
बचाव कार्य में सेना और नौसेना तैनात
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि मजदूरों को बचाने के लिए नौसेना के गोताखोरों को बुलाया गया है। विशाखापत्तनम से आ रहे ये गोताखोर जल्द ही मौके पर पहुंचेंगे। खदान के अंदर पानी का स्तर लगभग 100 फीट तक बढ़ गया है, जिससे राहत कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं। सरमा ने ट्वीट कर कहा, "उमरंगशू में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। हम सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।"
फंसे मजदूरों की पहचान
फंसे हुए मजदूरों के नाम इस प्रकार हैं:
गंगा बहादुर श्रेठ
हुसैन अली
जाकिर हुसैन
सरपा बर्मन
मुस्तफा शेख
खुशी मोहन राय
संजीत सरकार
लिजान मगर
सरत गोयरी
विशेषज्ञों और उपकरणों के साथ राहत कार्य जारी
भारतीय सेना और असम राइफल्स ने राहत और बचाव कार्य के लिए विशेष उपकरण, इंजीनियर्स टास्क फोर्स, गोताखोर और चिकित्सा दल तैनात किए हैं। रक्षा प्रवक्ता ने कहा, "हमारी टीम पूरी तैयारी के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई है और फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।" स्थानीय प्रशासन और बचाव दल लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं। प्रशासन का कहना है कि मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।