दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में 10,000 पेड़ लगाने और कई मामलों में चूककर्ता वादियों (defaulter litigants) द्वारा जुर्माने के रूप में जमा कराई गई 70 लाख रुपए से अधिक की धनराशि का इसके लिए इस्तेमाल किए जाने का निर्देश दिया। अदालत ने टिप्पणी की कि पेड़-पौधे वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड सोख कर हवा को शुद्ध बनाते हैं। न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि अदालत में जमा कराई जाने वाली इस राशि का इस्तेमाल व्यापक जनहित के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने चार वकीलों को अदालत के आयुक्तों के रूप में नियुक्त किया गया जो इस मुहिम के लिए स्थलों की पहचान करेंगे।
न्यायाधीश ने कहा कि पेड़ शहर और उसके निवासियों की कई पीढ़ियों को अपने जीवित रहने तक लाभ पहुंचाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पेड़ ‘पूरे साल शहर में व्याप्त रहने वाले' प्रदूषण को न केवल अवशोषित कर हवा को शुद्ध करेंगे बल्कि वे उसकी सुंदरता भी बढ़ाएंगे। अदालत ने अपने हालिया आदेश में कहा, ‘‘उप वन संरक्षक (DCF), GNCTD (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) के बैंक खाते में 70 लाख रुपये से अधिक स्थानांतरित किए जाएंगे... इस धनराशि का इस्तेमाल DCF, GNCTD के PWD (लोक निर्माण विभाग) की मदद से ऐसे इलाकों में पेड़ लगाने में करे, जिनकी पहचान शादान फरासत, आविष्कार सिंघवी, तुषार सन्नू, आदित्य एन प्रसाद करेंगे।