अगरतला; केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को त्रिपुरा में विस्थापित बू्र आदिवासियों के पुनर्वास वाले गांव का दौरा किया। उन्होंने एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए वाम दलों (लेफ्ट पार्टियों) पर जमकर निशाना साधा। वाम दलों को घेरते हुए उन्होंने कहा कि 35 वर्षों के शासन के दौरान वाम दलों ने त्रिपुरा को पिछड़ा राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने बताया कि 2018 में भाजपा के सत्ता संभालने के बाद ही राज्य में प्रगति हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाम दलों के शासन के दौरान त्रिपुरा सभी मानकों पर पीछे रहा है, लेकिन अब प्रगति के रास्ते पर है। उन्होंने कहा कि वाम दलों ने 35 वर्षों तक त्रिपुरा में शासन किया। उनका दावा था कि वे गरीबों के कल्याण के लिए काम करते हैं। कांग्रेस ने भी त्रिपुरा में काफी समय तक शासन किया, लेकिन राज्य की जनता हमेशा गरीब ही रही। भाजपा के सत्ता में आने के बाद यहां विकास हुआ। अमित शाह ने बताया कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर 2017 में त्रिपुरा का दौरा किया था। वह पांच दिनों तक राज्य में रुके थे, इस दौरान केवल 11 लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली थीं। उन्होंने आगे कहा कि हमने अपना काम शुरू किया। हमने कड़ी मेहनत की और कम्युनिस्टों को सत्ता से बाहर किया।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वाम दलों के शासन के दौरान केवल 2.5 फीसदी लोगों को पाइप से पीने का पानी मिलता था। अब 85 फीसदी लोगों को पीने का पानी मिलता है। भाजपा नेता अमित शाह ने कहा कि कम्युनिस्ट शासन में गरीबों के लिए मुफ्त अनाज नहीं था, लेकिन अब प्रत्येक व्यक्ति को पांच किलो चावल मिलता है और पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। उन्होंने बताया कि त्रिपुरा में निवेश आया है और लोगों को मुफ्त बिजली और एलपीजी कनेक्शन मिलने लगा। गृह मंत्री ने आगे कहा कि उग्रवादियों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद त्रिपुरा अब शांतिपूर्ण है। मां त्रिपुरासुंदरी के आशीर्वाद से त्रिपुरा देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक होगा।