विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क का प्रभाव फिलहाल ज्ञात नहीं है और इस स्थिति से निपटने के लिए नयी दिल्ली की रणनीति इस साल के अंत तक वाशिंगटन के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता करना है। शुल्क को लेकर अमेरिकी नीति पर पहली विस्तृत प्रतिक्रिया के तहत जयशंकर ने कहा कि भारत शायद एकमात्र देश है जो ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद वाशिंगटन के साथ व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने के लिए समझ कायम करने के स्तर तक पहुंच गया है।
विदेश मंत्री ने भारत समेत लगभग पांच देशों के खिलाफ व्यापक शुल्क लागू होने के कुछ घंटों बाद यह टिप्पणी की है। इससे बड़े पैमाने पर व्यापार व्यवधान और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका पैदा हो गई। भारत उन देशों में से एक है, जिन्होंने इस मामले पर प्रतिक्रिया देने में सतर्क रुख अपनाया है। भारत ने कहा कि वह द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, "हमने तय किया कि हम इन मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन से जल्द ही बातचीत करेंगे। हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि इस साल के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की कोशिश की जाएगी।" फरवरी में वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत के बाद, दोनों पक्षों ने 2025 के अंत तक बीटीए के पहले चरण पर बातचीत करने की घोषणा की थी। जयशंकर ने कहा, "मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद हम एकमात्र देश हैं, जो वास्तव में सैद्धांतिक रूप से इस तरह की समझ तक पहुंच पाए हैं।"