अजरबैजान एयरलाइंस का विमान कजाखस्तान के अकताउ में क्रैश हो गया था, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई और 29 अन्य घायल हुए थे। हादसे के बाद जब रूस पर विमान को मार गिराने का आरोप लगाया गया, तो शुरू में मॉस्को ने इसे खारिज कर दिया था। लेकिन, 28 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अजरबैजान से माफी मांगी और अपनी गलती स्वीकार की। इसके बावजूद, अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलियेव ने रूस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पुतिन की माफी को नकारते हुए तीन दिनों तक झूठी कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया।
अजरबैजान का आरोप: रूस ने जानबूझकर गिराया विमान
अलियेव ने 29 दिसंबर को अपने बयान में कहा कि विमान का नुकसान रूस के क्षेत्र में फायरिंग की वजह से हुआ था, और इसे इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के कारण नियंत्रण खोने का सामना करना पड़ा। उनका दावा था कि विमान ग्रॉजनी के पास से बाहर से डैमेज हुआ था। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि रूस ने शुरुआती तीन दिनों तक केवल भ्रामक और बेतुके बयान दिए और विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण गैस सिलेंडर ब्लास्ट बताया, जो पूरी तरह से झूठ था।
रूस से त्वरित माफी की उम्मीद थी
अजरबैजान के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस को अपनी गलती तुरंत स्वीकार करनी चाहिए थी, लेकिन यह नहीं हुआ। उनका कहना था कि विमान को जानबूझकर गिराया गया था और रूस ने माफी में देरी की। उन्होंने इस दुर्घटना को "नौबत का संकट" करार दिया और कहा कि रूस ने माफी स्वीकारने में समय गवां दिया।
अजरबैजान की तीन मुख्य मांगें
अलियेव ने कहा कि अजरबैजान ने रूस के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. रूस को अजरबैजान से माफी मांगनी चाहिए।
2. रूस को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
3. रूस को दोषियों को सजा देनी चाहिए और अजरबैजान सरकार, घायल यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को मुआवजा देना चाहिए।
अलियेव ने कहा कि पुतिन की माफी ने पहली मांग को पूरा किया, लेकिन अब बाकी दो मांगों पर रूस को कार्रवाई करनी होगी।