झारखंड में पहले चरण के लिए 13 नवंबर यानी बुधवार को मतदान होगा। इस बीच झारखंड के दूसरे चरण और महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झौंक दी है। इन दोनों राज्यों के चुनावों में एक नारे ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं। वो नारा है ‘बटेंगे तो कटेंगे’। ये नारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है। जिसका समर्थन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैलियों में कर रहे हैं। लेकिन इसपर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। खासकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपनी हर रैली में योगी के इस नारे को संविधान के खिलाफ बता रहे हैं और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने भी खरगे पर अब पलटवार किया है।
योगी ने खरगे पर किया पलटवार
आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अचलपुर में एक रैली सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि खरगे का गांव भी जलाया गया था। उनकी माताजी, चाची और बहन को निजाम के रजाकारों द्वारा जलाया गया था। लेकिन खरगे इस सच्चाई को नहीं बोलना चाहते। क्योंकि उनको लगता है कि निजाम पर आरोप लगाया तो वोट खिसक जाएगा। रजाकारों ने हिंदुओं का कत्लेआम किया था। सच्चाई खरगे जी स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। वोट के लिए परिवार के बलिदान को भूल गए।'
योगी पर निशाना साध रहे हैं खरगे
झारखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर निशाना साधा था। उन्होंने इस नारे को आतंकी की भाषा बताया है। झारखंड के पांकी में एक जनसभा को संबोधित कर कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के नारे बंटेंगे तो कटेंगे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाई एक काम करो, दो-दो काम क्यों करते हो। जो साधु-संत होता है वो तो सभी का होता है। बांटों, काटों में क्यों जा रहे हो। ये लोगों को बोल रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे। ये साधु काम है? नागपंथ का काम है? उन्होंने ये भी कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे आतंकी कह सकता है आप नहीं, आप एक मठ के व्यवस्थापक हो।