देहरादून चारधाम यात्रा की शुरूआत से अब तक तीन दर्जन से अधिक यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी कारणों से मौत हो चुकी है। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर भारी भीड़ के कई चौंकाने वाले वीडियो भी सामने आए हैं। इसे लेकर अब केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से उत्तराखंड में प्रचलित चारधाम यात्रा की ताजा जानकारी ली। भल्ला ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को धामों, यात्रा मार्गों एवं ठहराव स्थलों में यात्रियों की रिपोर्ट हर दिन गृह मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए हैं। गृह सचिव ने जरूरत पडऩे पर यात्रा मार्ग पर भीड़ पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मदद लेने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने भविष्य में चारधाम यात्रा प्रबंधन की रणनीति हेतु एक कमेटी गठन के निर्देश दिए।
उन्होंने धरातल स्तर पर यात्रा प्रबंधन पर कड़ी निगरानी पर विशेष बल दिया है। राज्य की मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव को जानकारी दी कि राज्य में चारधाम यात्रा में सभी राज्यों से यात्री आते हैं। उनके मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से तथा व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर अनुरोध किया गया है कि तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन के बाद ही चारधाम पर आएं तथा जिस तिथि का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उस तिथि को ही आएं। उन्होंने बताया कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए 31 मई तक चारधाम यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई है। रतूड़ी ने यात्रा मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी देते हुए जानकारी दी कि पंजीकृत श्रद्धालुओं को बडक़ोट (यमुनोत्री), हीना (गंगोत्री), सोनप्रयाग (केदारनाथ) तथा पांडुकेश्वर (बद्रीनाथ) में चेक किया जा रहा है। जानकी चट्टी (यमुनोत्री), गंगोत्री मंदिर (गंगोत्री), स्वर्गारोहिणी (केदारनाथ) तथा आईएसबीटी, बीआरओ तथा माणा (बद्रीनाथ) में धामों के दर्शन हेतु पंजीकृत श्रद्धालुओं को टोकन जारी किए जा रहे हैं।
मंदिरों के परिसर में पंक्ति में लगे श्रद्धालुओं के टोकन पर मोहर लगाकर उनके लिए धामों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है। मुख्य सचिव ने बताया कि 22 मई तक कुल 31,18,926 रजिस्ट्रेशन में से यमुनोत्री हेतु 4,86285, गंगोत्री हेतु 5,54,656, केदारनाथ हेतु 10,37,700, बद्रीनाथ हेतु 9,55,858 तथा हेमकुंड साहिब हेतु 84,427 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में इस वर्ष पहले दस दिनों में 3,19,193 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जो कि गत दो वर्षों से 156 प्रतिशत अधिक है।