दिल्ली पुलिस ने "ऑपरेशन ईगल" चलाकर राजधानी दिल्ली और NCR में अवैध हथियारों की सप्लाई चेन पर बड़ा प्रहार किया है। पिछले एक महीने में क्राइम ब्रांच ने कई जगहों पर छापेमारी की, जिसके दौरान 18 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 4 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल, 8 देसी कट्टे, 1 कंट्री मेड राइफल और 33 जिंदा कारतूस बरामद किए।
पुलिस का मानना है कि अवैध हथियारों की सप्लाई चेन को तोड़ने से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और उनके लिए अपराध करना मुश्किल हो जाएगा। दिल्ली और एनसीआर में क्राइम और एक्सटॉर्शन के मामलों के बढ़ने के बाद पुलिस ने इस ऑपरेशन को गंभीरता से लिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हथियारों के बिना अपराधी कोई बड़ी वारदात नहीं कर सकते, इसलिये उन्हें हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाना जरूरी था।
कैसे हुआ खुलासा?
ऑपरेशन ईगल के दौरान दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक सूचना मिली जिसके बाद गाजीपुर इलाके में एक गाड़ी को रोका गया। जब पुलिस ने गाड़ी की तलाशी ली तो उसमें सवार बदमाशों ने पुलिस पर पिस्टल तान दी। हालांकि, पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए बदमाशों को पकड़ लिया। गाड़ी से एक पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए। पुलिस ने सुलेमान और अरशद नाम के दोनों बदमाशों को गिरफ्तार किया और पूछताछ में पता चला कि वे पटपड़गंज गांव के निवासी अनेक उर्फ मोनी से हथियार खरीदते थे।
सिंडिकेट का भंडाफोड़
जांच में पता चला कि गाजियाबाद की डासना जेल का एक कैदी, मदन, दिल्ली और एनसीआर में अवैध हथियारों का सिंडिकेट चला रहा था। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने मदन गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया। इस ऑपरेशन के तहत पिछले एक महीने में पुलिस ने 18 बदमाशों को गिरफ्तार किया और उनके पास से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया। पुलिस ने अवैध हथियारों के सप्लायर को भी पकड़ लिया और उसे गिरफ्तार किया।
दिल्ली और NCR में बनेगा शांति का माहौल - पुलिस
वहीं पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस ऑपरेशन से अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा। उनका कहना है कि यदि हथियारों की सप्लाई बंद हो जाती है तो अपराधियों के लिए अपराध करना मुश्किल हो जाएगा और इससे दिल्ली और NCR में शांति का माहौल बनेगा। बता दें कि पुलिस इस तरह के ऑपरेशनों को आगे भी जारी रखने की योजना बना रही है।