नई दिल्ली : कांग्रेस ने भारत और चीन द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने समेत कई घोषणाएं किए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में भारत के दावे वाली रेखा से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच गश्ती बिंदुओं तक गश्त कर पाएंगे जैसा कि वे पहले किया करते थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने इस बात को लेकर अभी तक देश को संतोषजनक जवाब नहीं दिया है कि चीन के साथ रिश्ते सामान्य करने का यह सही समय क्यों है।
भारत और चीन ने सोमवार को संबंधों के ‘पुनर्निर्माण' के लिए कई उपायों की घोषणा की जिसमें इस साल गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करना और सीधी उड़ानें बहाल करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत होना शामिल है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी की चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग के साथ बीजिंग में व्यापक वार्ता के बाद इन निर्णयों की घोषणा की गई।
रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने ऐसे समय में मोदी सरकार द्वारा चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की घोषणा का संज्ञान लिया है। विदेश सचिव की हालिया बीजिंग यात्रा के बाद नई दिल्ली और बीजिंग वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को बहाल करने पर सहमत हुए हैं। दोनों राजधानियों के बीच सीधी उड़ान, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, उदार वीजा व्यवस्था सहित कई बातों को लेकर सहमति बनी है।''
क्या हम उस स्थिति में लौट आए हैं- रमेश
रमेश ने कहा, ‘‘जब से चीन ने पूर्वी लद्दाख में 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा किया है, जहां मई 2020 तक भारतीय गश्ती दल बिना किसी रोक-टोक के जा सकता था, तब से देश के लोगों और सशस्त्र बलों का मानना रहा है कि भारत सरकार को पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर देना चाहिए- ठीक वैसा जैसा मई 2020 से पहले था।'' उन्होंने दावा किया कि विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार आ रहे बयान इस बात को लेकर संदेह पैदा करते हैं कि क्या हम उस स्थिति में लौट आए हैं।
क्या हमारे सैनिक फिंगर 3 तक ही जा पाएंगे- कांग्रेस
रमेश के अनुसार, ‘‘चीन पर हमारी निर्भरता कम करने के बजाय, मोदी सरकार ने भारत में चीनी निर्यात को 2018-19 में 70 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2023-24 में रिकॉर्ड 102 अरब डॉलर तक पहुंचने दिया। 2024-25 में इसके और बढ़ने की संभावना है।'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी दावे वाली रेखा से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच गश्ती बिंदुओं तक गश्त कर पाएंगे जैसा कि वे पहले किया करते थे? क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन गश्ती बिंदुओं तक जा पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से हमारी पहुंच से बाहर हैं?'' रमेश ने यह भी कहा, ‘‘क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही जा पाएंगे जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?''