कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी, 2025 को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका यह कदम इस बात को लेकर आया जब कनाडा में इस वर्ष आम चुनाव होने वाले हैं और चुनावों से पहले वह पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन के संकेत दे रहे थे। ट्रूडो ने कहा कि जब तक उनकी पार्टी, लिबरल पार्टी, नया नेता नहीं चुन लेती, तब तक वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। लेकिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद जिस बात ने सुर्खियां बटोरीं, वह थी अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव।
ट्रंप ने दोहराया कनाडा को '51वां राज्य' बनाने का प्रस्ताव
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने एक बार फिर से कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा। यह कोई पहली बार नहीं था जब ट्रंप ने इस विचार को व्यक्त किया था। इससे पहले, 2024 में मार-ए-लागो (Mar-a-Lago) में ट्रंप और ट्रूडो की मुलाकात के बाद ट्रंप ने कनाडा के बारे में यह विचार प्रस्तुत किया था, और इसके बाद से वह कई बार इस प्रस्ताव को अपने सोशल मीडिया पर दोहरा चुके हैं। ट्रंप के अनुसार, कनाडा के कई लोग इस विचार का समर्थन करते हैं और इसे एक स्वाभाविक कदम मानते हैं।
कनाडा के नागरिक चाहते हैं 51वां राज्य बनना
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, "कनाडा में काफी लोग हैं जो अमेरिका के 51वें राज्य के तौर पर जुड़ने की इच्छा रखते हैं।" उन्होंने कहा कि अमेरिका अब भारी व्यापार घाटे और अन्य आर्थिक बोझ को सहन नहीं कर सकता, जो कनाडा को अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए करना पड़ता है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि ट्रूडो इस स्थिति को समझते थे और शायद इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ट्रंप का यह बयान यह भी संकेत देता है कि वह अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक रिश्तों में सुधार की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप का मानना है कि अगर कनाडा अमेरिका का हिस्सा बनता है, तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध और भी मजबूत होंगे और टैरिफ (शुल्क) समाप्त हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त, टैक्स की दर भी घट जाएगी, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के लिए आर्थिक लाभ होगा।
वैश्विक राजनीति में रूस और चीन के साथ बढ़ता तनाव
ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि अगर कनाडा अमेरिका का हिस्सा बनता है, तो कनाडा के नागरिकों को रूस और चीन जैसे देशों से होने वाले खतरों से पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सकेगा। यह दावा एक ऐसे समय में आया है जब वैश्विक राजनीति में रूस और चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है, और अमेरिका इन दोनों देशों को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मानता है। ट्रंप ने कहा, "अगर कनाडा अमेरिका के साथ शामिल होता है, तो इसके बाद दोनों देशों को रूस और चीन से कोई भी सैन्य खतरा नहीं होगा, और हमारे राष्ट्र की शक्ति दोगुनी हो जाएगी। हम एक महाशक्ति के रूप में उभर सकते हैं।"
ट्रंप का कनाडा को 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव
ट्रंप का कनाडा को 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव न केवल आर्थिक, बल्कि सुरक्षा और सीमा नियंत्रण के मामलों पर भी आधारित है। ट्रंप ने एक अन्य पोस्ट में यह भी चेतावनी दी कि अगर कनाडा अपनी दक्षिणी सीमा से अवैध ड्रग्स और अवैध प्रवासियों के प्रवाह को नहीं रोकता है, तो वह कनाडा के आयातित उत्पादों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे। यह बयान अमेरिका और कनाडा के बीच सुरक्षा और सीमा नियंत्रण को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद को और बढ़ावा दे सकता है। ट्रंप ने इस मसले को लेकर कहा, "कनाडा को अपनी सीमा से अवैध प्रवासियों और ड्रग्स के प्रवाह को रोकना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो हम कनाडाई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगा देंगे। यह हमारे लिए भी एक आवश्यक कदम होगा, क्योंकि अमेरिका के नागरिकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।"
कनाडा की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
इस प्रस्ताव के बाद कनाडा की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कनाडा सरकार की ओर से ट्रंप के इस बयान पर चुप्पी साधी गई है। हालांकि, यह साफ है कि कनाडा के नेता इस प्रस्ताव को लेकर कोई गंभीर विचार नहीं कर रहे हैं। कनाडा एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है, और उसके नागरिकों को इस तरह के प्रस्ताव को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया मिल सकती है। कनाडा में ट्रूडो के इस्तीफे के बाद भी उनकी पार्टी और चुनावी प्रचार के मुद्दे सुर्खियों में हैं, और आगामी चुनावों में यह देखा जाएगा कि क्या ट्रूडो का इस्तीफा देश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करता है।
ट्रंप ने उड़ाया जस्टिन ट्रूडो का मजाक
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में एक बार फिर से जस्टिन ट्रूडो का मजाक उड़ाया। उन्होंने ट्रूडो को 'कनाडा के महान राज्य के गवर्नर' के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि वह इस बात से खुश होंगे कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बने। ट्रंप के इस तरह के व्यंग्यात्मक और आक्षेपपूर्ण शब्दों ने उनके और ट्रूडो के बीच के राजनीतिक रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।