अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में प्रसिद्ध परोपकारी जॉर्ज सोरोस को 'प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम' से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। यह मेडल देश के सबसे बड़े नागरिक पुरस्कारों में से एक है और उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने राजनीति, परोपकार, खेल, और कला जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सोरोस के कार्यों को मिला मान, लेकिन विवाद भी उठा
सोरोस, जो ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं, को यह सम्मान उनके योगदान के लिए दिया गया है, जिसमें लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना शामिल है। हालांकि, उनकी इस प्राप्ति से कुछ विवाद भी खड़ा हो गया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "हास्यास्पद" बताया। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "यह हास्यास्पद है कि बाइडन सोरोस को मेडल ऑफ फ्रीडम दे रहे हैं।"
सोरोस का नाम लंबे समय से विवादों में रहा है, खासकर रिपब्लिकन नेताओं के बीच। उनका परोपकार और राजनीतिक दान विशेष रूप से आलोचना का शिकार रहे हैं। कई लोग आरोप लगाते हैं कि उनके वित्तीय योगदानों ने अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया है। इसके बावजूद, बाइडन ने इन पुरस्कारों को देश और दुनिया के लिए असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने का एक तरीका बताया है।
संगठनों और हस्तियों का समर्थन
इस साल के पुरस्कार विजेताओं में पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, फुटबॉल स्टार लियोनेल मेस्सी और मशहूर अभिनेता माइकल जे. फॉक्स जैसे नाम शामिल हैं। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, इन व्यक्तियों ने अमेरिकी मूल्यों की रक्षा करते हुए अपने क्षेत्रों में अनूठे योगदान दिए हैं, चाहे वे राजनीतिक, सामाजिक या सांस्कृतिक हो।