शिमला : हिमाचल प्रदेश में गत दो माह से अधिक समय से बारिश नहीं हुई है। ऐसे में कृषि पर सूखे की मार पड़ सकती है जिसका सीधा असर कृषि पैदावार पर पड़ सकता है। सूखे के कारण किसान 90 फीसदी जमीन पर गेहूं की बुआई नहीं कर पाए हैं। आमतौर पर राज्य में पहली नवम्बर से अब तक 5.1 मिलीमीटर बारिश हो जानी चाहिए थी लेकिन इस दौरान राज्य में एक बूंद भी नहीं बरसी है यानि 100 प्रतिशत कम। अक्तूबर माह में भी प्रदेश में न के बराबर बारिश हुई है।
इसकी सबसे ज्यादा मार गेहूं उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। इधर प्रदेश के अधिक ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेहूं की बुआई का उपयुक्त समय निकल चुका है। अब मैदानी इलाकों में ही बुआई के लिए एक सप्ताह शेष बचा है लेकिन बारिश नहीं होने के कारण अभी तक उस 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही किसान गेहूं की बुआई कर पाए हैं जिनके पास सिंचाई के साधन हैं। शेष 90 फीसदी किसान गेहूं की बुआई के लिए बारिश पर निर्भर हैं जो पिछले करीब डेढ़ महीने से नहीं हो रही है।
राज्य में 3.26 लाख हैक्टेयर में होती है गेहूं की फसल
कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश में गेहूं की फसल 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर जगह में होती है। गत वर्ष राज्य में 6.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार गेहूं की बुआई मुश्किल से 30 हजार हैक्टेयर में हो पाई है। इससे हिमाचल के किसान चिंता में हैं। गेहूं के अलावा रबी की अन्य नकदी फसलों जैसे गोभी, मटर, शिमला मिर्च इत्यादि पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है।