श्रीनगर; केंद्र सरकार द्वारा पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच सौंपने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने मोर्चा संभाल लिया हैै। इस हमले को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित बताया गया है, जिसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अपने फ्रंट संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के जरिए अंजाम दिया था। अधिकारियों के मुताबिक, एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को दोबारा दर्ज कर औपचारिक जांच शुरू कर दी है। हालांकि आईजी विजय साखरे के नेतृत्व में एनआईए की टीम 23 अप्रैल से ही स्थानीय पुलिस की मदद कर रही है। अब पूरी तरह से जांच एनआईए ने संभाल ली है और जम्मू-कश्मीर पुलिस से केस अपने हाथ में ले लिया है।
एनआईए के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि बुधवार से आतंकी हमले वाली जगह पर डेरा डाले हुए एनआईए की टीमों ने सबूतों की तलाश तेज कर दी है। आतंकवाद विरोधी एजेंसी के एक पुलिस महानिरीक्षक, एक पुलिस उपमहानिरीक्षक और एक पुलिस अधीक्षक की देखरेख में टीमें उन चश्मदीदों से पूछताछ कर रही हैं, जिन्होंने शांतिपूर्ण और सुरम्य बैसरन घाटी में अपनी आंखों के सामने भयानक हमले को घटते देखा था। कश्मीर में हुए सबसे भयानक आतंकी हमलों में से एक को अंजाम देने वाले घटनाक्रम को एक साथ जोडऩे के लिए चश्मदीदों से बारीकी से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार भारतीय खुफिया एजेंसियों ने हमले के डिजिटल सबूत पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची स्थित सुरक्षित ठिकानों तक ट्रेस कर लिए हैं, जो इस हमले में पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता की पुष्टि करते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस हमले को भी मुंबई 26/11 स्टाइल के कंट्रोल-रूम ऑपरेशन की तर्ज पर अंजाम दिया गया। उधर, पाकिस्तान चाहता है कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच में रूस और चीन भी शामिल हों। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मुझे लगता है कि रूस, चीन या पश्चिमी देश इस संकट में बहुत ही सकारात्मक रोल निभा सकते हैं। उन्हें एक जांच समिति गठित करनी चाहिए, जो ये जांच करे कि पीएम नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं या सच। अंतरराष्ट्रीय टीम पहलगाम आतंकी हमले की जांच करे। आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इंटरनेशनल टीम से जांच की बात कह चुके हैं।