शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का मामला गूंजा। इस दौरान सदन में हल्का शोर-शराबा भी हुआ। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार करुणामूलक आधार पर एकमुश्त नौकरी देने जा रही है। सरकार ने इसके लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उपसमिति का गठन किया है। उसकी रिपोर्ट जल्द आने वाली है। यह बात उन्होंने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अनुपस्थिति में विधायक सतपाल सिंह सत्ती तथा सुरेंद्र शौरी के सवाल के जवाब में कही।
15 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपेगी सब कमेटी
इस दौरान विधायक रणधीर शर्मा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रतिपूरक सवाल किए। इस दौरान शिक्षा मंत्री एवं करुणामूलक को लेकर गठित मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष रोहित ठाकुर ने कहा कि उपसमिति 15 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंप देगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी अध्यक्षता में उप समिति गठित की है जिसमें मंत्री राजेश धर्माणी व यादविंद्र गोमा सदस्य हैं तथा उपसमिति की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं।
उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी पर सीट से खड़े हो गए विपक्ष के सदस्य
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार करुणामूलकों को नौकरी देने के लिए वचनबद्ध है। करुणामूलक आश्रितों के कागज बार-बार वापस न आएं। इन सबको लेकर मंत्रिमंडल उपसमिति की सिफारिश आएगी। उन्होंने कहा कि करुणामूलक आश्रितों को नौकरी को लेकर सभी मामलों को कंसीडर करके उन्हें समयबद्ध तरीके से नौकरी देने के लिए कृतसंकल्प हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने एक टिप्पणी की, जिससे विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी सीट से खड़े हो गए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उस टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया, जिस पर विपक्ष के सदस्य शांत हुए।
आय सीमा में पैंशन को शामिल न किया जाए : रणधीर
विधायक रणधीर शर्मा ने सवाल करते हुए कहा कि जब कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसकी पत्नी व बच्चों को मिलने वाली पैंशन को भी परिवार की आय में जोड़ा जाता है। उन्होंने आय सीमा में पैंशन को शामिल नहीं करने की मांग की। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पैंशन भी परिवार की आय है।
करुणामूलक आधार पर रोजगार के 1839 मामले लंबित
मूल सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में 31 अक्तूबर, 2024 तक करुणामूलक आधार पर रोजगार के 1839 मामले लंबित हैं। वर्तमान नीति के अनुसार विभिन्न विभागों में 2524 मामले स्वीकृत किए गए हैं।
आम आदमी पर नहीं लग रहा पर्यावरण सैस
विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि राज्य में लोकहित के दृष्टिगत दूध आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिए विद्युत उपभोग पर सैस लगाए गए हैं। पर्यावरण सैस का बोझ आम लोगों पर नहीं पड़ रहा है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रतिपूरक सवाल किया। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में बिजली के बिलों में हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) संशोधन अधिनियम, 2024 के अंतर्गत दो तरह के सैस लगाए जाते हैं। इसमें दुग्ध सैस 10 पैसे प्रति यूनिट लगाया जाता है। इसी तरह पर्यावरण सैस लघु औद्योगिक ऊर्जा पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर वाणिज्यिक पर 10 पैसे, अस्थायी कनैक्शन पर 2 रुपए, स्टोन क्रशर पर 2 रुपए तथा विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपए सैस लगाया जाता है।