शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई बैठक के निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने शुक्रवार को सचिवालय में मीडिया से यह बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश हित की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्री खट्टर को भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सरकार प्रदेश सतलुज जलविद्युत निगम से तीनों परियोजनाओं को अपने अधीन लेने को तैयार है, क्योंकि निगम ऊर्जा नीति की सही तरीके से अनुपालना नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी में हिमाचल की 7.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में पिछले 15 वर्षों का बकाया मिलने से प्रदेश में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी। नरेश चौहान ने कहा कि सुन्नी, लुहरी और धौलासिद्ध परियोजनाओं पर पूर्व जयराम सरकार के समय एसजेवीएनएल के साथ जो समझौते हुए, उनमें रॉयल्टी के मुद्दों और हिमाचल के हितों को गिरवी रख दिया गया।
पूर्व सरकार ने की ऊर्जा नीति की अवहेलना
नरेश चौहान ने पूर्व सरकार ने ऊर्जा नीति की अवहेलना की और कम रॉयल्टी के साथ एसजेवीएनएल से समझौते किए। पूर्व भाजपा सरकार ने 4 प्रतिशत और 12 प्रतिशत रॉयल्टी के रूप में यह प्रोजैक्ट एसजेवीएनएल को दे दिए। उन्होंने कहा कि निजी परियोजनाओं को लेकर भी हिमाचल सरकार की नीति स्पष्ट है कि पहले 12 वर्ष 12 प्रतिशत, अगले 18 वर्ष 18 प्रतिशत और 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत रॉयल्टी हर प्रोजैक्ट से मिलेगी, लेकिन पिछली सरकार ने 4 प्रतिशत और 12 प्रतिशत की बहुत कम रॉयल्टी के रूप में तीनों प्रोजैक्ट निगम को दे दिए।
...तो सरकार खुद तैयार करेगी तीनों प्रोजैक्ट
नरेश चौहान ने कहा कि सीएम ने केंद्रीय मंत्री से भी स्पष्ट शब्दों में कहा है यदि इन तीनों प्रोजैक्टों को लेकर एसजेवीएनएल हिमाचल सरकार की शर्तों को मानने को तैयार है तो उनके साथ समझौता आगे बढ़ाया जाएगा, अन्यथा सरकार इन परियोजनाओं को अपने अधीन लेगी और उन्हें खुद तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि शानन परियोजना की 99 वर्षों की लीज की अवधि समाप्त हो गई है, ऐसे में इस परियोजना पर अब हिमाचल सरकार का पूर्ण अधिकार है।
विपक्ष के नेताओं से किया ये आग्रह
नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमाचल के हितों को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने विपक्ष के नेताओं से आग्रह किया कि जो गलतियां उनके कार्यकाल के दौरान हुई हैं, उनमें सुधार होना चाहिए। ऐसे में इस मामले की गंभीरता को समझते हुए विपक्ष को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए, न कि प्रदेश हित के कार्यों में बेवजह का अड़ंगा लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा आज नेताहीन और दिशाहीन हो गई है, जिस कारण वह अपनी प्राथमिकताएं तय नहीं कर पा रही है।