शिमला: हिमाचल में जोखिम की संभावना को टालने के बगैर अब भवन का निर्माण नहीं होगा। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस दिशा में नई गाइडलाइन तय कर दी है। इन गाइडलाइन के मुताबिक ही अब आगामी दिनों में सरकारी और निजी भवनों का निर्माण संभव हो पाएगा। प्राधिकरण ने साफ किया है कि सभी विभागों और संगठनों को 2012 एचपीएसडीएमए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसके लिए तीन महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसमें विशेष रूप से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे स्कूल और अस्पताल में विकास परियोजनाओं में डीआरआर का निर्माण और एकीकरण करना शामिल है। प्राधिकरण के अनुसार 2023 की मानसून आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश में कई क्षेत्रों में गंभीर प्रभाव देखा गया। आपदा की वजह से करीब 24 हजार पक्के, कच्चे और झोंपडिय़ां प्रभावित हुईं हैं और राज्य को 2300 करोड़ रुपए के नुकसान झेलना पड़ा है। भविष्य में निर्माण के दौरान भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ की आपदा से निपटने के इंतजाम करने होंगे। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि आपदा रोकथाम और शमन उपायों को विभागीय योजनाओं और परियोजनाओं में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि विभागों को निर्धारित चेकलिस्ट का उपयोग करके व्यापक जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए। रिजिल्यंट डिजास्टर प्लानिंग और डिज़ाइन तय करने की बात कही है।
इस दौरान मुख्य मापदंडों में भूकंपीय जोखिम, बाढ़ का स्तर, हवा की गति और भूस्खलन और जीएलओएफ जैसे संभावित खतरे को ध्यान में रखने की बात कही गई है। इसके लिए पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव आकलन के साथ-साथ एचपीएसडीएमए दिशानिर्देश अनिवार्य हैं। इसके अलावा सभी विभागों और संगठनों को 2012 एचपीएसडीएमए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसमें खुदाई में निर्माण के लिए नींव तैयार करने के लिए मिट्टी या चट्टान को हटाना शामिल है। जबकि पहाड़ी काटना, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए विशिष्ट, बुनियादी ढांचे के लिए सडक़ें या स्थान बनाने के लिए ढलानों को तराशना शामिल है। दोनों भू-भाग की स्थिरता बनाए रखने और भूस्खलन जैसे खतरों को रोकने के लिए प्रक्रियाओं में सटीकता की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि इन निर्देशों का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को बढ़ाना, सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा करना और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े जोखिमों को कम करना है। उन्होंने कहा कि विभागों और संगठनों से आह्वान किया है कि यह उपाय एक टिकाऊ और आपदा प्रतिरोधी हिमाचल प्रदेश के निर्माण के लिए है।