कनाडा ने अपने इमिग्रेशन नियमों में बदलाव की घोषणा की है, जिससे भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जस्टिन ट्रूडो सरकार ने 2025 से लागू होने वाले एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में सुधार किए हैं। इन बदलावों के तहत, अब नौकरी का ऑफर होने पर उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे, जो पहले स्थायी निवास पाने के लिए महत्वपूर्ण थे।
जस्टिन ट्रूडो सरकार ने एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में सुधार किए हैं, जो 2025 से प्रभावी होंगे। नए नियमों के तहत, अब नौकरी का ऑफर मिलने पर उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंक नहीं दिए जाएंगे, जिससे भारतीय छात्रों के लिए स्थायी निवास (permanent residence) प्राप्त करने की प्रक्रिया कठिन हो सकती है।
कनाडा सरकार का कहना है कि यह कदम लेबर मार्केट इम्पैक्ट असेसमेंट (LMIA) की अवैध खरीद-बिक्री को रोकने के लिए उठाया गया है। इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने बताया कि इस बदलाव से इमिग्रेशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ईमानदार बनाया जाएगा, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कनाडा को कुशल कामकाजी लोग मिलते रहें।
LMIA, जो एक प्रकार का परमिट है, उम्मीदवारों को कनाडा में नौकरी पाने में मदद करता है, लेकिन अब यह नई नीति सभी आवेदकों पर लागू होगी। हालांकि, जिन आवेदकों को पहले ही आवेदन का निमंत्रण मिल चुका है, वे इन बदलावों से प्रभावित नहीं होंगे।
कनाडा का एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम स्थायी निवास प्राप्त करने की मुख्य प्रक्रिया है, जो फेडरल स्किल्ड वर्कर प्रोग्राम, फेडरल स्किल्ड ट्रेड्स प्रोग्राम और कैनेडियन एक्सपीरियंस क्लास जैसे प्रोग्रामों को संचालित करता है। पहले, नौकरी के ऑफर पर अतिरिक्त अंक दिए जाते थे, लेकिन अब यह सुविधा समाप्त कर दी गई है, जिससे भारतीय छात्रों के लिए स्थायी निवास प्राप्त करने की संभावना कम हो सकती है।
भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर इसके प्रभाव को देखते हुए, इस बदलाव का असर भारतीय समुदाय पर खासकर पड़ सकता है। कनाडा सरकार का कहना है कि यह बदलाव धोखाधड़ी को कम करने और आव्रजन प्रक्रिया को सुधारने के उद्देश्य से किया गया है, ताकि कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए सही और कुशल कामकाजी लोग मिल सकें।