अमृतसर : व्यापारिक यूनियनों द्वारा बड़ा ऐलान कर दिया है। दरअसल, व्यापार मंडल एसोसिएशन के बैनर तले शहर की 48 व्यापारिक यूनियनों ने ब्लैकमेलरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसको लेकर उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि सरकारी दफ्तरों में उनकी एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी जाए।
व्यापारियों का कहना है कि, इस संबंध में आदेश जारी किया जाना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरान व्यापार मंडल ने कहा कि यदि व्यापारियों को लूटा जाएगा तो व्यापार कैसे चलेगा। आज के समय में आतंकवादियों से ज्यादा ब्लैकमेलर लोगों को लूट रहे हैं, जो बर्दाश्त से बाहर है। अगर कोई व्यापारी अपनी मेहनत की कमाई से बिल्डिंग बनाना चाहता है तो ये ब्लैकमेलर खुलेआम शिकायत करके उसे ब्लैकमेल करते हैं। इसके साथ ही कई ब्लैकमेलर्स को सरकारी दफ्तरों में बैठाकर चाय-पानी पिलाया जाता है जैसे कि वे रिश्तेदार हों।
व्यापारियों का कहना है कि, कुछ एम.टी.पी. विभाग के अधिकारी भी ऐसे लोगों के साथ मिले हुए हैं। ये ब्लैकमेलर खुद को समाजसेवी कहते हैं, लेकिन आज तक किसी ने शहर में लगे कूड़े के ढेर की परवाह नहीं की बल्कि उन्हें शहर की बिल्डिंगों की ज्यादा चिंता है। उद्योगपतियों ने सुभाष सहगल व कुछ अन्य लोगों का नाम लेते हुए कहा कि वे लोग शिकायतें कर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं तथा वे नगर निगम एम.टी.पी. विभाग के अधिकारियों से इस तरह बात करते हैं जैसे कि वह इन्हें वेतन दे रहे हों। उन्होंने नगर निगम कमिश्नर से अपील करते हुए कहा कि जो लोग समाजसेवी व आर.टी.आई. एक्टिविस्ट होने की आड़ में लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं तथा जिनका एकमात्र उद्देश्य शिकायत दर्ज करवाकर धन इकट्ठा करना है, उन पर निगम में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
व्यापारियों ने दी सख्त चेतावनी
यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि ब्लैकमेल करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो अमृतसर बंद के साथ-साथ रोष प्रदर्शन व धरना भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग स्वयं करोड़ों रुपए का टैक्स दे रहा है। अगर कोई व्यापारी कोई बिल्डिंग बनवाता है या कोई अन्य काम करता है तो लोग उसे ब्लैकमेल करते हैं, जो असहनीय है। इलेक्ट्रोनिक्स यूनियन के चेयरमैन ने कहा कि उनको शहर के कुछ तथाकथित समाज सेवक व आर.टी.आई. एक्टीविस्ट ब्लैकमेलरों का नाम लेते हुए बताया कि उन्होंने अपनी बिल्डिंग बनाने के लिए लाखों रुपए दिए है।