नई दिल्ली; डब्ल्यूटीसी फाइनल से बाहर होने के बाद टीम इंडिया परा बीसीसीआई अब सख्ती के मूड में आ गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि पहले न्यूजीलैंड के हाथों घर में मिली करारी हार और फिर ऑस्ट्रेलिया में उसी की जमीं पर टेस्ट सीरीज टीम इंडिया हार गई है। ऐसे में बीसीसीआई टीम में अनुशासन और ऐसी हार फिर न मिले, इसलिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं।
गत दिनों मुंबई में मुख्य कोच गौतम गंभीर, मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा के साथ बीसीसीआई के अधिकािरयों ने समीक्षा बैठक की थी, जिसमें अब खिलाडिय़ों व कोचिंग स्टाफ के लिए नए दिशा-निर्देश बन रहे हैं। नए निर्देशों के मुताबिक विदेशी दौरों के दौरान खिलाडिय़ों का परिवार उनके साथ ज्यादा दिन नहीं रहेगा। अब 45 या उससे ज्यादा दिन चलने वाले टूर्नामेंट में केवल 14 दिन ही पत्नी या परिवार खिलाड़ी के साथ रह पाएगा। हां, अगर दौरा छोटा होगा तो यह अवधि सात दिन की रहेगी। यही नहीं, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि कुछ खिलाड़ी टीम बस के साथ न जाकर अलग से जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब सभी खिलाड़ी टीम बस से ही यात्रा करेंगे, चाहे कोई कितना भी बड़ा खिलाड़ी ही क्यों न हो, उसे अलग से जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्य कोच गौतम गंभीर के मैनेजर टीम होटल में नहीं रुकेंगे और उन्हें स्टेडियम में वीआईपी बॉक्स में भी बैठने की अनुमति नहीं होगी।
खिलाड़ी खुद देगा भाड़ा
नए निर्देशों के तहत हवाई यात्रा के दौरान किसी भी खिलाड़ी का सामना 150 किलो से ज्यादा होता है तो उसका पैसा बीसीसीआई नहीं देगा। खिलाड़ी को एयरलाइंस को अतिरिक्त पैसा खुद भरना होगा। इसके अलावा सहयोगी स्टाफ भी कम करने की तैयारी है। तय किया गया है कि सहयोगी स्टाफ का कार्यकाल अधिकतम तीन साल का होगा।