शिमला : संजौली मस्जिद विवाद को लेकर जिला अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई है और अदालत ने 14 नवम्बर तक फैसला सुरक्षित रख दिया है। संजौली मस्जिद को गिराने के नगर निगम आयुक्त के आदेशों पर स्टे वाली याचिका पर संजौली मस्जिद के आस-पास रहने वाले लोकल रैजीडैंट्स ने इस मामले में पार्टी बनाने के लिए एप्लीकेशन दी। अब अदालत 14 नवम्बर को स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने और मुस्लिम संगठनों की तरफ से दायर नजाकत अली हाशमी की याचिका की मैंटल एबिलिटी पर फैसला सुनाएगी।
बता दें कि ऑल हिमाचल मुस्लिम वैल्फेयर सोसायटी के प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने एमसी आयुक्त के 5 अक्तूबर को मस्जिद के ऊपर वाली 3 मंजिल तोड़ने के आदेशों को डिफैक्टिड बताते हुए याचिका दायर की है। नजाकत अली ने दायर याचिका में कहा है कि नगर निगम आयुक्त ने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा दिए गए हल्फनामे के आधार पर सुनाया है। उन्होंने दावा किया कि संजौली मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हल्फनामा सही नहीं है।
याचिकाकर्त्ता के अधिवक्ता विश्व भूषण ने कहा कि सबसे पहले अदालत में प्रतिवादी को सुना गया और उन्होंने अपनी बात रखी और अदालत ने 14 नवम्बर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और इस दिन फैसला आ जाएगा कि उन्हें पार्टी बनाया जाएगा या नहीं। उन्होंने कहा कि याचिका पर अदालत का कहना है कि मैंटल एबिलिटी को सुना जाएगा और संजौली लोकल रैजीडैंट कमेटी को सुना गया है, जिस पर 14 नवम्बर को फैसला आ जाएगा।