गायक दिलजीत दोसांझ का 'दिल-लुमिनाती' इंडिया टूर इस समय कुछ ज्यादा ही चर्चा चल रहा है। वह स्टेज पर गानों के साथ-साथ सरकार को चैलेंज भी खूब दे रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद उन पर लगने वाले आरोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इंदौर और हैदराबाद में उनके उन गानों पर आपत्ति जताई गई थी, जो शराब से जुड़े थे अब इसी कड़ी में एक और एडवाइजरी जारी हो गई है।
दिलजीत 14 दिसंबर को चंडीगढ़ में परफॉर्म करने वाले हैं. इससे पहले ही चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक सलाह जारी की है। आयोग की अध्यक्ष शिप्रा बंसल ने कहा कि एक रिप्रेजेंटेशन फाइल किया है जिसके मुताबिक दिलजीत दोसांझ अल्कोहल को प्रमोट करता कोई गाना इस कॉन्सर्ट में नहीं गा सकते हैं। एडवाइजरी में लिखा गया है कि दिलजीत 'पटियाला पेग', '5 तारा ठेके' और 'केस' जैसे गानों को ट्विस्ट किए शब्दों के साथ भी कॉन्सर्ट में नहीं गाएंगे। CCPCR ने साफ तौर से अपनी एडवाइजरी में लिखा है कि ''ये गाने संवेदनशील आयु के बच्चों को प्रभावित करते हैं.''।
अध्यक्ष ने कहा कि " यह उनके संज्ञान में आया है कि दोसांझ के पिछले संगीत कार्यक्रमों के दौरान बच्चों को मंच पर बुलाया गया था। कभी-कभी कुछ ऐसे गाने बजाए जाते हैं जो बच्चों के लिए अच्छे नहीं होते। पटियाला पैग, 5 तारा और केस जैसे गाने गाने से बचें, भले ही उनमें शराब, ड्रग्स और हिंसा को बढ़ावा देने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया हो। ये गाने बच्चों को प्रभावित करते हैं।" बाल अधिकार संस्था ने कहा कि अक्सर कॉन्सर्ट देर रात तक चलते हैं, जिससे कम उम्र के बच्चों के शराब पीने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नाबालिगों को शराब नहीं परोसी जानी चाहिए और बताया कि पंजाबी गायक करण औजला के कॉन्सर्ट से पहले भी इसी तरह की सलाह जारी की गई थी।
शिप्रा बंसल ने कहा- "कॉन्सर्ट बहुत देर रात तक चलते हैं और शराब की आपूर्ति की बहुत संभावना है... 18 साल से कम उम्र के बच्चों को शराब नहीं परोसी जानी चाहिए। हमने पंजाबी गायक करण औजला के कॉन्सर्ट के मद्देनजर भी एक सलाह जारी की है।" इसके अलावा, उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के दौरान बच्चों को मंच पर लाया गया और उन्हें अनुचित गाने सुनाए गए और तेज आवाज बच्चों के लिए हानिकारक है। इससे पहले 15 नवंबर को तेलंगाना सरकार ने दोसांझ को कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें उन्हें शराब, ड्रग्स और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गाने न गाने का निर्देश दिया गया था।