केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “दूरदर्शी नेतृत्व” और एक सतत सरकार द्वारा प्रदान की गई स्थिरता से प्रेरित होकर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को किया संबोधित
अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “जब हम कहते हैं कि भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है तो इस तथ्य को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक (वर्ल्ड बैंक) भी स्वीकार करते हैं। वे मानते हैं कि अपनी विकास क्षमता के कारण भारत विश्व व्यापार को बढ़ाने वाले एक इंजन के रूप में काम कर सकता है।”
मौजूदा ट्रेंड में ग्रोथ और ट्रेड दोनों ही कम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि इस क्षमता के विकास के साथ हम वैश्विक स्तर पर विभिन्न अनिश्चितताओं के कारण देखे जा रहे ट्रेंड को बदल सकते हैं। मौजूदा ट्रेंड में ग्रोथ और ट्रेड दोनों ही कम हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर मुद्रास्फीति अधिक है, जिसकी वजह से लोग सोच रहे हैं कि भविष्य में मंदी आने वाली है।
इन मौजूदा परिस्थितियों में भी भारत की क्षमता को पहचाना जा रहा है
उन्होंने आगे कहा, “अगर इन मौजूदा परिस्थितियों में भी भारत की क्षमता को पहचाना जा रहा है और इसकी आर्थिक ताकत को स्वीकारा जा रहा है तो इस क्षेत्र में उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाले लोग भारत के साथ व्यक्तिगत या व्यावसायिक रूप से, कॉरपोरेशन टू कॉरपोरेशन की साझेदारी से लाभ पा सकते हैं।”
अमेरिका और भारत की साझेदारी से दोनों ही देशों को मिलता है लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत की साझेदारी से दोनों ही देशों को लाभ मिलता है। अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “साथ मिलकर, हम वैश्विक व्यापार और विकास को आगे बढ़ाएंगे। मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा योगदान है जो यहां रहने वाले भारतीय प्रवासी दे सकते हैं।”
वित्त मंत्री ने भारतीय प्रवासियों से की अपील
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय प्रवासियों से अपील की कि वे अधिक रुचि लें और अपने चुने हुए क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी करें। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के कदमों पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “कोविड-19 महामारी के दौरान, हमारा राजकोषीय घाटा बढ़ गया था। लेकिन 2021 में, हम एक स्पष्ट संकेत के साथ आए कि हम अपने राजकोषीय घाटे का प्रबंधन किस तरह करना चाहते हैं। हमने साल-दर-साल लक्ष्य निर्धारित किए और 2026 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम हर साल बिना किसी चूक के इसका पालन कर रहे हैं।”
सरकार का प्राथमिक ध्यान ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य पर
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का प्राथमिक ध्यान 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इस दृष्टिकोण में महिलाओं, गरीबों, युवाओं और किसानों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में सुधार शामिल हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ‘सूर्योदय क्षेत्रों’ को प्राथमिकता देता है और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में अग्रणी के रूप में खड़ा है, जो नवाचार और विकास को बढ़ावा देता है।
उन्होंने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रवासियों से जुड़ने के लिए अपनी हर विदेश यात्रा का हिस्सा बनाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत आप में से हर एक से जुड़े, जो दुनिया के किसी भी हिस्से में स्थित हैं, दुनिया में योगदान देने और एक उदाहरण के रूप में खड़े होने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।”
वित्त मंत्री पांच दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर हैं। सैन फ्रांसिस्को पहुंचने पर उनका स्वागत भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने किया। अपने विजिट के दौरान वित्त मंत्री स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में मुख्य भाषण देंगी और सैन फ्रांसिस्को में निवेश और तकनीकी प्रगति पर सीईओ के साथ चर्चा करेंगी।इस यात्रा में उनका प्रवासी कार्यक्रमों में भाग लेना भी शामिल होगा, जिससे भारत की वैश्विक सांस्कृतिक उपस्थिति बढ़ेगी।
वाशिंगटन डीसी में, वित्त मंत्री सीतारमण आईएमएफ और विश्व बैंक स्प्रिंग मीटिंग्स और जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर्स की बैठकों में भाग लेंगी। वह अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, सऊदी अरब और अन्य देशों के समकक्षों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगी। अपनी अमेरिकी यात्रा पूरी करने के बाद, वित्त मंत्री 26 से 30 अप्रैल तक पेरू की यात्रा पर जाएंगी।