पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अफगान दूतावास ने बुधवार को चेतावनी दी कि पाकिस्तान सभी अफगान शरणार्थियों को देश से निकालना चाहता है और उनका निष्कासन जल्द होने की आशंका है। दूतावास ने पाकिस्तान की योजनाओं के बारे में कड़े शब्दों में बयान जारी करते हुए कहा कि राजधानी इस्लामाबाद और पास के शहर रावलपिंडी में अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनकी तलाशी ली जा रही है और पुलिस उन्हें जुड़वां शहरों को छोड़कर पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में जाने का आदेश दे रही है। इसमें कहा गया है,‘‘अफगानों को हिरासत में लेने की इस प्रक्रिया के बारे में इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के दूतावास को किसी औपचारिक पत्राचार के माध्यम से आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया गया है। बिना किसी औपचारिक घोषणा के इसे शुरू किया गया है।''
पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे लाखों लोगों के अलावा, लगभग 14.5 लाख अफगान नागरिक शरणार्थी के रूप में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) में पंजीकृत हैं। इस्लामाबाद स्थित अफगान दूतावास ने बुधवार को एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पाकिस्तान जल्द ही सभी अफगान शरणार्थियों को देश से निकाल सकता है । दूतावास के अनुसार, राजधानी इस्लामाबाद और पास के शहर रावलपिंडी में अफगान नागरिकों की गिरफ्तारियां और तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। अफगान दूतावास के बयान में कहा गया कि पुलिस अफगान नागरिकों को हिरासत में लेकर उन्हें इस्लामाबाद और रावलपिंडी छोड़कर पाकिस्तान के अन्य इलाकों में जाने का आदेश दे रही है । इसके अलावा, दूतावास का कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने इस निष्कासन प्रक्रिया की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है और न ही इस बारे में कोई औपचारिक सूचना भेजी गई है ।
पाकिस्तान में लगभग 14.5 लाख अफगान शरणार्थी संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) में पंजीकृत हैं। इसके अलावा, लाखों अफगान नागरिक बिना कानूनी दस्तावेजों के पाकिस्तान में रह रहे हैं जिन्हें अब देश से बाहर निकाले जाने की संभावना बढ़ गई है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। पिछले साल भी पाकिस्तान ने अवैध रूप से रह रहे अफगानों को देश छोड़ने के लिए अल्टीमेटम दिया था जिसके बाद हजारों शरणार्थी अफगानिस्तान लौटने पर मजबूर हुए थे। तालिबान सरकार ने पहले भी पाकिस्तान की इस नीति का विरोध किया था और इसे अफगान शरणार्थियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया था । अफगान दूतावास ने भी पाकिस्तान से इस प्रक्रिया को रोकने और शरणार्थियों को सुरक्षित माहौल देने की अपील की है ।