बांग्लादेश सरकार लगता है कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार की राह पर चल रही है और भारत बेबुनियाद आरोप मढ़ रही है। नए आरोप में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से गठित एक जांच आयोग ने कहा है कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन के दौरान ‘जबरन गायब' करने की कथित घटनाओं में भारत की ‘संलिप्तता' पाई है। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने शनिवार को यह खबर दी। बांग्लादेश संगबाद संस्था ने जबरन गायब करने पर जांच आयोग के हवाले से कहा, ‘‘बांग्लादेश की जबरन गायब करने की प्रणाली में भारतीय भागीदारी सार्वजनिक अभिलेख का मामला है।''
खबर में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय आयोग के अनुसार, ‘‘कानून प्रवर्तन हलकों में लगातार सुझाव दिये गए थे कि कुछ बांग्लादेशी कैदी अब भी भारतीय जेलों में कैद हो सकते हैं। आयोग ने कहा, ‘‘हम विदेश और गृह मंत्रालयों को सलाह देते हैं कि वे ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें जो अब भी भारत में कैद हैं। बांग्लादेश के बाहर इस राह पर चलना आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।'' कुछ दिन पहले आयोग ने अनुमान लगाया था कि जबरन गायब किये गए लोगों की संख्या 3,500 से अधिक होगी।