शिमला : धर्मशाला के तपोवन में 18 से 21 दिसम्बर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र से पहले ही पक्ष-विपक्ष के बड़े नेता एक-दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी पर उतर आए हैं। इससे स्पष्ट है कि 4 दिन का यह सत्र पूरी तरह से हंगामेदार रहेगा और विपक्ष पहले ही दिन विधानसभा का घेराव करने की तैयारी में जुट गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया कि विपक्ष की गतिविधियां सदन में नारेबाजी और वाकआऊट करने तक सीमित हैं। यदि विपक्ष असल में जनहित से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा करना चाहता है तो सदन के भीतर बैठकर उसे सरकार के पक्ष को सुनना होगा। विपक्ष का व्यवहार अब तक ऐसा रहा है कि वह सरकार की बात को पूरा सुने बिना ही सदन से बाहर चला जाता है। विधानसभा के भीतर आम आदमी और जनहित से जुड़े मुद्दों पर बहस होनी चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि विपक्ष अपने व्यवहार को बदले। सरकार किसी भी विषय पर उठाए जाने वाले मसलों का उत्तर देने के लिए तैयार है।
उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार जनहित के मुद्दों का सामना नहीं कर सकती, इसलिए सत्र की अवधि को 4 दिन तक सीमित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने चाहिए तथा एक कैलेंडर वर्ष में पूरी 35 सीटिंग होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार टॉयलैट टैक्स, समोसों की जांच और जंगली मुर्गों का शिकार करने में व्यस्त है। सरकार की इस तरह की गतिविधियों से राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि विपक्ष उसकी सुविधा के अनुसार विषयों को उठाएगा। विपक्ष सरकार से तीखे सवाल भी पूछेगा और उसका अधूरी गारंटियों का जवाब भी देना होगा।
सत्र से पहले होंगी विधायक दल बैठकें
विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले पक्ष-विपक्ष विधायक दल बैठकों में अपनी रणनीति तय करेंगे। सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होगी, जिसमें विपक्ष की तरफ से उठाए जाने वाले सभी विषयों का प्रभावी तरीके से जवाब देने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल बैठक होगी। इसमें सदन में सरकार के खिलाफ प्रश्नों एवं विभिन्न चर्चाओं के माध्यम से उठाए जाने वाले विषयों को लेकर रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।