मुंबई; हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को सेंसेक्स 1048 अंक (1.36फीसदी) की गिरावट के साथ 76,330 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 345 अंक (1.47 फीसदी) की गिरावट रही, और यह 23,085 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार के लिए ब्लैक मंडे बने इस एक ही दिन निवेशकों को 12 लाख करोड़ की चपत लगी है। यह लगातार चौथा दिन है, जब सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। जिसकी वजह से शेयर बाजार के निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ है। चार दिनों में बीएसई के मार्केट कैप को 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को जारी यूएस जॉब डाटा से ग्लोबल मार्केट में डर का माहौल है। दिसंबर में अमरीकी बेरोजगारी दर गिरकर 4.1 फीसदी हो गई, जबकि जॉब ग्रोथ मजबूत रही। ऐसे में आशंका है कि फेडरल रिजर्व दर में कटौती को रोक सकता है।
इससे भारत जैसे उभरते बाजारों पर दबाव बढ़ गया है। इसके अलावा फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स भारतीय बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। दिसंबर में उन्होंने 16,982 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं जनवरी में एफपीआई अभी तक 21,350 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर बेच चुके हैं, जिसके चलते बाजार लगातार गिर रहा है। इसके साथ ही भारतीय रुपए में गिरावट से बाजार पर दबाव है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमरीकी डालर के मुकाबले यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। अमरीकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और मजबूत रोजगार आंकड़ों से उत्साहित डालर की मजबूती से घरेलू मुद्रा पर दबाव पड़ा है।
रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर
सोमवार को गोता सिर्फ महाकुंभ में भक्तों और शेयर बाजार ने ही नहीं लगाया है, बल्कि डॉलर के मुकाबले रुपए ने भी बड़ी डुबकी लगाई है। रुपया सोमवार को पहली बार 86 रुपए के पार ही नहीं गया, बल्कि 87 रुपए के करीब भी पहुंच गया। रुपए में अमरीकी डॉलर के मुकाबले 57 पैसे की गिरावट देखने को मिली और यह 86.61 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ है। रुपए में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का इंपोर्ट महंगा होना है। इसके अलावा विदेश में घूमना और पढऩा भी महंगा हो गया है।