अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर का अप्रत्यक्ष लाभ भारतीय करेंसी रुपया को मिल रहा है। दोनों देश एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाकर एक-दूसरे के निर्यात को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका असर वहां के शेयर बाजारों में दिख रहा है। इस अनिश्चितता के माहौल में विदेशी निवेशकों का रुझान भारत जैसे उभरते बाजार की ओर बढ़ा है।
विशेष रूप से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FII) के बढ़ने से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर के मुकाबले में गुरुवार को लगातार चौथे दिन तेजी देखने को मिल रही है। गुरुवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज में रुपया 85.48 पर खुला और शुरुआती कारोबार में 85.54 के स्तर तक पहुंच गया। यह बुधवार के बंद स्तर से 10 पैसे की बढ़त है।
बुधवार के सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 16 पैसे की बढ़त के साथ 85.64 पर बंद हुआ। पिछले तीन सत्रों में भारतीय मुद्रा में 104 पैसे की मजबूती आई है, जबकि 9 अप्रैल को डॉलर के मुकाबले यह 86.68 पर बंद हुआ था। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में डॉलर के मुकाबले में रुपए में और भी तेजी देखने को मिल सकती है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बाजार में मिली-जुली धारणा और कच्चे तेल की कीमतों में हल्की तेजी ने थोड़ी दबाव की स्थिति भी बनाई है। इसके बावजूद अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और भारत में मजबूत विदेशी निवेश प्रवाह के चलते रुपया आने वाले दिनों में और मजबूती दिखा सकता है।