मैगी, जो लगभग हर घर में खाई जाती है, अब जल्द ही एक बड़ा बदलाव करने वाली है। अगर आप मैगी खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपको आपको चौंका सकती है। मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले जल्द ही मैगी की कीमतों को बढ़ा सकती है। माना जा रहा है कि बढ़ी हुई कीमत एक जनवरी से लागू हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो मैगी लवर के लिए कंपनी का यह निर्णय निराशाजनक हो सकता है। कंपनी कितने रुपए बढ़ाने का निर्णय लेगी, अभी इस पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
आखिर क्यों बढ़ेगी कीमत?
यह मामला स्विट्जरलैंड की ओर से भारत का फेवरेट दर्जा छीने जाने के बाद पैदा हुआ है। दरअसल, स्विट्जरलैंड ने नेस्ले के खिलाफ अदालती फैसले के बाद भारत का सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा निलंबित कर दिया है। इससे स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। एक जनवरी 2025 से उन्हें ज्यादा टैक्स देना होगा।
यह फैसला भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए दोहरे कराधान समझौते (डीटीएए) के एमएफएन प्रावधान को निलंबित करता है। इस दर्जे के तहत देश एक-दूसरे को व्यापार में विशेष छूट देते हैं। इस दर्जे के रद्द होने से भारतीय कंपनियों को स्विट्जरलैंड में अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।
भारत में स्विस कंपनियों पर भी पड़ेगा असर
एमएफएन का दर्जा रद्द होने से स्विट्जरलैंड की कंपनियों को भी भारत में ज्यादा टैक्स देना होगा। मैगी की पेरेंट कंपनी नेस्ले स्विट्जरलैंड की है। जब नेस्ले ज्यादा टैक्स देगी तो इसका अगर मैगी पर भी पड़ेगा। नतीजन कंपनी को मैगी की कीमत बढ़ानी पड़ सकती है।
दूसरे प्रोडक्ट भी हो सकते हैं महंगे
बात सिर्फ मैगी पर ही खत्म नहीं होगी। भारत में बिकने वाले नेस्ले के दूसरे प्रोडक्ट भी महंगे हो सकते हैं। इसमें नेस्ले के डेयरी प्रोडक्ट, किट कैट चॉकलेट, आइसक्रीम, बेबी फूड आदि शामिल हैं। इन प्रोडक्ट की भी कीमत बढ़ सकती है।
कितनी बढ़ेगी कीमत?
एमएफएन का दर्जा खत्म होने के बाद स्विट्जरलैंड की कंपनियों को भारत में 10 फीसदी तक का डिविडेंड टैक्स देना होगा। अभी तक यह टैक्स दर 5 फीसदी थी। टैक्स की इस रकम को चुकाने के लिए कंपनियों को अपना प्रॉफिट कम करना पड़ सकता है। साथ ही वे मैगी समेत दूसरे प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा सकती हैं। हालांकि कीमत कितनी बढ़ेगी, इसके बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।