कांग्रेस ने यह साफ किया है कि विपक्षी गठबंधन "इंडिया" का गठन केवल लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किया गया था। इसका अब कोई अस्तित्व नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इंडिया ब्लॉक का उद्देश्य सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए था और अब क्षेत्रीय चुनावों में पार्टियाँ अपनी रणनीति और गठबंधन की स्थिति के आधार पर फैसला करेंगी।
तेजस्वी यादव का बयान: 'इंडिया' गठबंधन सिर्फ चुनावी जरूरत थी
राजद के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि इंडिया ब्लॉक का उद्देश्य केवल लोकसभा चुनावों तक सीमित था। उनका कहना था कि यह गठबंधन 2024 के आम चुनाव के लिए ही था, और इसके बाद पार्टियाँ स्वतंत्र रूप से चुनावों में भाग लेंगी।
भा.ज.पा. ने विपक्ष पर तंज कसा – गठबंधन का असली चेहरा सामने आया
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर हमला किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "हमने पहले ही कहा था कि ये लोग प्रधानमंत्री मोदी के डर से एक साथ आए थे, और अब जब उनका चुनावी उद्देश्य पूरा हो चुका है, तो गठबंधन टूटने जा रहा था।" भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन अपने निजी हितों के लिए एकजुट हुआ था, न कि राष्ट्र की प्रगति या शांति के लिए।
कांग्रेस की रणनीति: क्षेत्रीय चुनावों में पार्टी स्वतंत्र निर्णय लेगी
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर लड़ने का निर्णय केवल चुनावी जरूरतों के हिसाब से लिया गया था। अब क्षेत्रीय स्तर पर पार्टियाँ यह तय करेंगी कि उन्हें मिलकर चुनाव लड़ना है या अपनी-अपनी राह पर। यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन को केवल एक चुनावी मोर्चा मानकर चलने का निर्णय लिया था, और अब हर पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति के अनुसार कार्य करने का पूरा अधिकार है।
बिहार सरकार के मंत्री का बयान: गठबंधन स्वार्थ आधारित
बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्षी गठबंधन पर आरोप लगाया कि यह केवल स्वार्थ आधारित था और इसका उद्देश्य केवल व्यक्तिगत लाभ हासिल करना था। उनका कहना था कि इस गठबंधन में कोई दीर्घकालिक उद्देश्य नहीं था, और एक बार जब उनका निजी एजेंडा पूरा हो जाएगा, तो यह समाप्त हो जाएगा।
क्या टूटेगा विपक्ष का गठबंधन?
इंडिया ब्लॉक का अब खत्म होना विपक्षी दलों के लिए बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या यह देश की राजनीति में नई हलचल का कारण बनेगा, या क्षेत्रीय पार्टियाँ अपने-अपने तौर पर चुनावी मैदान में उतरेंगी? 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद राजनीति के नए समीकरण सामने आ सकते हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्षी दल किस रणनीति के तहत आगे बढ़ते हैं