आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple भारत में अपने कारखानों में काम करने वाली 1 लाख महिला कर्मचारियों के लिए हॉस्टल की सुविधा प्रदान करने की योजना बना रही है। यह योजना देश की किसी भी कंपनी द्वारा शुरू की जाने वाली सबसे बड़ी योजना होगी। इस योजना के तहत ऐपल अपने वेंडरों के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर आवासीय सुविधाएं बनाएगी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।
चीन और वियतनाम के बाद अब भारत में
ऐपल ने पहले चीन और वियतनाम में भी इसी तरह की आवासीय सुविधाएं शुरू की थीं, जिनके परिणाम अच्छे रहे थे। इन योजनाओं से न केवल महिला कर्मचारियों की कार्यक्षमता में सुधार हुआ था, बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई थी। इसी मॉडल को अब भारत में लागू किया जा रहा है।
2 लाख कामगारों को रोजगार देने का लक्ष्य
ऐपल इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत में 2 लाख कामगारों को नियुक्त करने का लक्ष्य रखती है, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं होने की संभावना है। फिलहाल ऐपल के कारखानों में 1.75 लाख कामगार काम कर रहे हैं। इन कामगारों में से करीब 80,000 कर्मचारी तमिलनाडु और कर्नाटक के आईफोन बनाने वाले कारखानों में काम कर रहे हैं, जिनमें फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
तमिलनाडु और कर्नाटक में बनेंगे आवास
ऐपल की प्रमुख वेंडर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स तमिलनाडु के होसुर में 40,000 आवासीय इकाइयां बना रही है। ये इकाइयां कंपनी की दो फैक्ट्रियों के पास बनाई जा रही हैं। होसुर स्थित टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का पहला कारखाना जहां आईफोन के मैकेनिकल पार्ट्स बनाए जा रहे हैं। वहीं पर दूसरा कारखाना इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। इस नए संयंत्र में करीब 40,000 कामगारों को रखा जाएगा।
सैलकॉम्म दूसरी वेंडर है, जो ऐपल के लिए पावर एडाप्टर, एनक्लोजर और मैग्नेटिक बनाती है। कंपनी तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एसपीआर कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाए जा रहे करीब 4 हजार मकानों को लेगी। इस बीच भारत में ऐपल के सबसे बड़े आईफोन वेंडर फॉक्सकॉन ने पहले से ही एक हॉस्टल सुविधा सुविधा तैयार करने के बारे में बताया है, जिसे चेम्नई में स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कोऑपरेशन ऑफ तमिलनाडु (सिपकॉट) बना रही है और वहां करीब 18,720 आवासीय इकाइयां पूरी होने वाली हैं। इसके अलावा श्रीपेरंबदूर में एसपीआर सिटी एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड भी 18,112 इकाइयों वाली एक अलग सुविधा का निर्माण कर रही है। फॉक्सकॉन में 41 हजार कर्मचारी हैं और उनमें से करीब 35 हजार महिलाएं हैं। कामगारों के लिए आवास बनाने का मॉडल चीन में ऐपल इक की सफलता से मेल खाता है, जहां कंपनी के पास बड़े-बड़े कारखाने हैं। उदाहरण के लिए, द शेन्जेन कॉम्प्लेक्स (फॉक्सकॉन सिटी) में 4.20 लाख से अधिक कर्मचारियों का बसेरा है वहीं झेग्लू की आईफोन सिटी में 3 लाख कर्मचारी रहते हैं। ऐपल को बड़ी संख्या में कामगारों की जरूरत इसलिए होती है क्योंकि उसके आईफोन को तैयार करने का काफी काम मैन्युअल तरीके से किया जाता है।
भारत में बड़े पैमाने पर मैन्युअल काम
ऐपल को बड़ी संख्या में कामगारों की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि उसके आईफोन को तैयार करने का काफी हिस्सा मैन्युअल रूप से किया जाता है। इन कर्मचारियों के लिए आवास सुविधा की यह योजना ऐपल के भारत में बढ़ते कारखानों और कर्मचारियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है।